भादसो नंदीशाला में चारा नहीं, गोवंश की जान पर संकट
संवाद सहयोगी इंद्री गाय सड़कों पर न भटकें इसके लिए प्रदेश में अनेक गोशालाएं खोली गई है
संवाद सहयोगी, इंद्री : गाय सड़कों पर न भटकें, इसके लिए प्रदेश में अनेक गोशालाएं खोली गई हैं। सरकार गायों की सेवा करने का आह्वान भी करती है। लेकिन इसके विपरीत भादसो नंदीशाला में गोवंश की जान पर संकट बना हुआ है। यहां उनके खाने के लिए तूड़ी नहीं है। नंबरदार गुरदयाल के नेतृत्व में एक पत्र एसडीएम कार्यालय कई दिनों से नंदीशाला में ऐसे हालात बने हैं। ग्रामीणों की मानें तो नंदीशाला में भूख से रोज गायों की मौत हो रही है। नंदीशाला में कभी-कभी सूखा चारा मंगवाया भी जाता है तो गोवंश की तादाद ज्यादा होने के कारण चारा जल्द खत्म हो जाता है। नंदीशाला में भूस व चारा प्रबंध के लिए गांव के नंबरदार गुरदयाल के नेतृत्व में एक पत्र एसडीएम कार्यालय को दिया गया। इसमें बताया गया कि नंदीशाला में करीब 500 गोवंश है। इन दिनों यहां सूखा चारा नहीं है। नाममात्र 15-20 गठड़ी चरी (हरा-चारा) बिना मशीन से काटे गोवंशों को डाल रहे हैं। ज्यादातर पशुओं को चारा नहीं मिलने के कारण बेजुबान भूख से मर रहे हैं। इस समस्या को लेकर ग्राम सचिव से बात करते हैं तो ग्राम सचिव कहते हैं कि कहां से सूखे चारे का प्रबंध करें।
कई बार खत्म हो चुका सूखा चारा
नंबरदार गुरदयाल ने बताया कि नंदीशाला में करीब 500 गोवंश है जिनकी देखरेख व चारा डालने के लिए कई महिला व पुरुष श्रमिक रखे हुए हैं। दो महीने के अंदर नंदीशाला में कई बार सूखा चारा खत्म होने की बात सामने आ चुकी है। ग्राम पंचायत की करीब 15 एकड़ जमीन हरा चारा के लिए छोड़ी गई थी।