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कांग्रेस मुक्त शहर की सरकार, इनेलो प्रत्याशी भी भाजपा में शामिल

मुख्यमंत्री के मंच पर शहर की सरकार यानी नगर निगम कांग्रेसमुक्त हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 08:39 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:13 AM (IST)
कांग्रेस मुक्त शहर की सरकार, इनेलो प्रत्याशी भी भाजपा में शामिल
कांग्रेस मुक्त शहर की सरकार, इनेलो प्रत्याशी भी भाजपा में शामिल

जागरण संवाददाता, पानीपत : मुख्यमंत्री के मंच पर शहर की सरकार यानी नगर निगम कांग्रेसमुक्त हो गई है। निगम में कांग्रेस समर्थित एकमात्र पार्षद शकुंतला गर्ग ने पार्टी छोड़ दी। उनके अलावा इनेलो के शहरी प्रत्याशी सुरेश सैनी, निगम पार्षद चंचल डावर और सुमन छाबड़ा भी भाजपा में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्कस ग्राउंड में शनिवार देरशाम को चुनावी जनसभा में इनेलो प्रत्याशी और पार्षदों समेत दूसरे नेताओं का स्वागत किया।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एक दिन में सात सभाएं करने के बाद उनका गला खराब है, लेकिन जनता के जोश को देख रुक नहीं रहे। प्रदेश में 48 साल तक कांग्रेस और इनेलो ने अपने हिसाब से सरकार चलाई। भाजपा ने पांच साल में अपना काम किया। जनता आज 48 साल और 5 साल के कामों में तुलना कर रहे हैं। सीएम ने सबको 5-5 करोड़ देने की ढांडा से हामी भरवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में सरकार बनते ही प्रथम सत्र की बैठक बुलाई। सभी 90 विधायकों से 5-5 करोड़ विकास कार्यों के लिए देने की घोषणा की। मेरी पार्टी के विधायक नाराज हो गए और दूसरे दलों के विधायक हैरान थे। वे कहते थे कि अनुभवहीन सरकार आ गई। यह छह महीने या एक साल से अधिक नहीं चल सकती। सीएम ने मंच से ही ग्रांट देने के बारे ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा से पूछा। ढांडा ने गर्दन हिलाकर इसकी हामी भरी। अध्यापक दर-दर भटक रहे थे, एक क्लिक में आसान किया

सीएम ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के तबादले ऑनलाइन शुरू किए। पहले सरकारी स्कूलों के अध्यापक दर-दर भटकते थे। एक तबादला कराकर लाता था तो दूसरा कैंसल करा लाता था। भाजपा सरकार ने तबादला सिस्टम को ऑनलाइन कर दिया। मोदी, योगी और लाल का कुछ नहीं

सीएम ने कहा कि मोदी और योगी जैसा मनोहर लाल का हाल है। न उनके यहां कोई पैसा खर्च करने वाला है और न ही मेरे पास। एक लाख तनख्वाह मिलती है। वह भी खर्च नहीं होती। नामांकन दाखिल करते समय ढाई एकड़ जमीन की कीमत 60-62 लाख और बाकी की तनख्वाह जोड़कर 1.20 करोड़ रुपये के करीब हो गई थी। मैंने इसको शो कर दिया। विपक्ष ने पांच साल में दोगुनी आय होने का ढिढोरा पीटा। इससे पहले सीएम के 500 करोड़ तक हो जाते थे। शिक्षा की योग्यता पर कांग्रेस और भाजपा का अंतर समझाया

सीएम ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में पंचायती राज के प्रतिनिधियों की शिक्षा की शर्त हटाने की बात कही है। जबकि भाजपा सरकार सांसदों और विधायकों की शिक्षा की शर्त लागू करने की तैयारी में है। यह सब सोच का फर्क है। सरकार ने पंचायतों में शिक्षा की शर्त लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी है। डावर को शामिल करने पर पहले भाजपा में विरोध हुआ था

इनेलो के शहरी प्रत्याशी सुरेश सैनी, कांग्रेस समर्थित निगम पार्षद शकुंतला गर्ग, वार्ड-22 पार्षद चंचल डावर, वार्ड-15 पार्षद सुमन छाबड़ा ने भाजपा का दामन थामा। इनके अलावा कांग्रेस के किसान खेत मजदूर सैल के उपाध्यक्ष एवं कोआíडनेशन कमेटी के सदस्य रणबीर देशवाल, कांग्रेसी नेता धर्मबीर कश्यप, बसपा नेत्री किरण, जयपाल, जगपाल और एडवोकेट वैभव देशवाल भाजपा में शामिल हुए।


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