जमीन का निरीक्षण करने पटवारी की जगह कानूनगो के साथ पहुंच गया दलाल, पांच हजार की रिश्वत लेते काबू
जमीन का निरीक्षण करने के लिए महिला पटवारी की जगह एक दलाल रिकार्ड लेकर कानूनगो के साथ खेतों में पहुंच गया जहां वह पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए काबू कर लिया।
जागरण संवाददाता, करनाल : जमीन का निरीक्षण करने के लिए महिला पटवारी की जगह एक दलाल रिकार्ड लेकर कानूनगो के साथ खेतों में पहुंच गया, जहां वह पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए काबू कर लिया। विजिलेंस टीम ने इन दोनों को मौके पर ही काबू कर लिया तो बाद में महिला पटवारी को भी कार्रवाई में शामिल किया, जिसके बाद तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की इंस्पेक्टर कनुप्रिया के मुताबिक गांव भूसली के सुखवीर ने शिकायत दी थी, जिसमें बताया था कि उन्होंने पिछले साल अपनी जमीन का निरीक्षण करने के लिए आवेदन किया था, ताकि उस पर की जाने वाली कास्त व कास्तकारों का पता चल सके। संबंधित पटवारी उन्हें टरकाते रहे। महिला पटवारी करनाल वासी सलमा रानी ने भी उन्हें कोई रास्ता नहीं दिया और दलाल बड़ौता वासी सतबीर से मिलने को कहा। मंगलवार को सतबीर रिकार्ड लेकर पटवारी की जगह निरीक्षण करने पहुंच गया, जहां उनके साथ बड़ा गांव क्षेत्र के कानूनगो एवं गड़ी मुल्तान वासी राममेहर भी पहुंच गए। जहां दलाल ने फिर कहा कि उसे कम से कम पांच हजार रुपये देने होंगे। जैसे ही यह राशि उसे दी तो विजीलेंस टीम ने छापेमारी कर दी। दोनों आरोपितों ने खेतों में भागने का प्रयास किया, लेकिन टीम ने उन्हें काबू कर लिया। इंस्पेक्टर कनुप्रिया ने बताया कि महिला पटवारी सलमा के पास ही गांव भूसली का एरिया है और नियमानुसार उसे ही खेत की निरीक्षण रिपोर्ट बनानी थी, लेकिन अपनी जगह दलाल को भेज दिया और पूरा रिकार्ड भी उसे सौंप दिया। कानूनगो भी रिश्वत के लिए ही उसके साथ अपना क्षेत्र छोड़कर उसके साथ पहुंच गया। उन्हें थाने लगाया गया, जिसके बाद आरोपित महिला पटवारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और उन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा। विजिलेंस टीम में इंस्पेक्टर कनुप्रिया के अलावा एचसी संजीव कुमार, सीमा देवी, राजकुमार, प्रवीन कुमार, व सिपाही महेश कुमार शामिल रहे। उधर सोमवार को 20 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए आरोपित सेक्टर चार पुलिस चौकी में तैनात एचसी को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।