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धुंध का कहर, कांप रहा शहर

जागरण संवाददाता करनाल मौसम ने एक बार फिर अपने तेवर तीखे कर दिए हैं। बुधवार सुबह से घन

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 05:34 AM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 05:34 AM (IST)
धुंध का कहर, कांप रहा शहर
धुंध का कहर, कांप रहा शहर

जागरण संवाददाता, करनाल:

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मौसम ने एक बार फिर अपने तेवर तीखे कर दिए हैं। बुधवार सुबह से घना कोहरा छाया रहा। सर्द हवाएं चलने से ठंड बढ़ गई। पारा भी लुढ़क कर नीचे आ गया। अधिकतम तापमान 11.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 4.4 डिग्री रिकार्ड किया। दिनभर धूप के अभाव में मुसीबतें बढ़ गई हैं। कड़ाके की ठंड के चलते दिनभर सड़कों पर सन्नाटा रहा। 28 दिसंबर से एक बार फिर मौसम में तब्दीली आई और बर्फीली हवाओं ने सितम ढाना शुरू कर दिया। दिनभर धूप न निकलने और ठंडी हवाएं चलने से शहर की सड़कों पर दिन भर सन्नाटा रहा।

पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। मैदानी क्षेत्र शीतलहर के प्रकोप से ठिठुर रहे हैं। ठंड से हाल ऐसे हो गए हैं, जैसे जनजीवन पूरी तरह ठहर सा गया। रात के तापमान के साथ अब दिन के तापमान में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। इसके चलते करनाल में दिन के तापमान में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

पिछले सप्ताह हरियाणा के उत्तरी इलाकों पंचकूला, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और आसपास के भागों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई। बारिश के बाद भी हरियाणा में सामान्य से लगभग 53 प्रतिशत कम महज 9 मिलिमीटर के आसपास बरसात एक अक्टूबर से लेकर 29 दिसंबर के बीच दर्ज की गई। इस सप्ताह हरियाणा के कई इलाके भीषण ठंड की गिरफ्त में रहेंगे। उत्तर भारत के पहाड़ों पर हुई हाल की बर्फबारी का प्रभाव उत्तरी हवाओं के साथ हरियाणा पर कम से कम नए साल 2021 के शुरुआती दिनों में और खासकर एक तथा 2 जनवरी तक बना रहेगा। दिनभर के मौसम का हाल

बुधवार को अधिकतम तापमान गिरावट के साथ 11.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। सुबह के समय नमी की मात्रा 100 फीसदी दर्ज की गई। हवा 3.6 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में धुंध गहरा सकती है। ठंड ओर शीतलहर से अभी राहत के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। प्रदेश के उत्तरी भागों में तापमान में भारी गिरावट के चलते कुछ हिस्सों में शीतलहर का प्रकोप शुरू हो गया है। पाले की संभावना भी हरियाणा के कुछ इलाकों में बढ़ गई है। उम्मीद है कि 1-2 जनवरी के बाद स्थितियों में बदलाव आएगा। 2 से 5 जनवरी के बीच हरियाणा के कुछ इलाकों में बारिश देखने को मिल सकती है। उस दौरान दिन के तापमान में गिरावट आएगी, जबकि रात का तापमान बढ़ जाएगा। सब्जी उत्पादक किसानों के लिए समाधान

तापमान में गिरावट को देखते हुए पालक में नियमित सिचाई करते रहें। खड़ी फसल में दो बार नाइट्रोजन दें। मूली, शलगम और गाजर जैसी जड़ वाली फसलों में सिचाई करें और खुली हुई जड़ों पर मिट्टी चढ़ाएं। मटर की फसल में इस समय यूरिया का उपनिवेशन किया जा सकता है। मटर की फसल में यूरिया 13 किग्रा. प्रति एकड़ की दर से देकर सिचाई करें। पिछेती फसल में निराई करें और खरपतवार निकालें। आ‌र्द्रता बढ़ने के कारण कीटों का प्रकोप भी बढ़ सकता है। थ्रिप्स से बचाव के लिए प्रति एकड़ 60 मिलिलीटर साइपरमेथ्रिन 25 ईसी 200-250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। सांस और दिल के रोगी बरतें सावधानी

सीनियर फिजिशियन डा. कमल चराया ने बताया कि पिछले कई दिन से पड़ रही कड़ाके की ठंड व भीषण कोहरे के चलते सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों में सांस व अस्थमा के रोगियों की आमद बढ़ गई है। दिल के रोगियों को इस मौसम में विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। चिकित्सकों की माने तों यह मौसम दिल के रोगियों और सांस, अस्थमा रोगियों के लिए अनुकूल नहीं है। शीत लहर के इस मौसम में स्वास्थ्य के प्रति जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। हार्ट अटैक की घटनाएं इस मौसम में अधिक होती हैं। ठंड से बचने के लिए ऐसा करें

ठंड से बचने के लिए हमेशा कान और सिर को गर्म कपड़े से ढककर रखें।

रक्तचाप और हृदय रोगी नियमित दवाएं लेते रहें।

सूर्योदय के बाद ही सैर पर निकलें।

गुनगुना पानी ही पीएं।

शाम के बाद खुले में न घूमें।

ठंडे पानी के सेवन से बचें।

हालत गंभीर होने पर चिकित्सक से संपर्क करें।


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