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सीएम की घोषणा का हाल : हेड ऑफिस में दो महीने से लटकी है ¨सथेटिक ट्रैक की फाइल

जागरण संवाददाता, करनाल : सीएम सिटी में मुख्यमंत्री की घोषणा संकट में है। टेंडर होने के

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 03:00 AM (IST)
सीएम की घोषणा का हाल : हेड ऑफिस में दो महीने से लटकी है ¨सथेटिक ट्रैक की फाइल
सीएम की घोषणा का हाल : हेड ऑफिस में दो महीने से लटकी है ¨सथेटिक ट्रैक की फाइल

जागरण संवाददाता, करनाल : सीएम सिटी में मुख्यमंत्री की घोषणा संकट में है। टेंडर होने के दो महीने बाद भी बाद ¨सथेटिक ट्रैक की फाइल पीडब्ल्यूडी के हेड ऑफिस में लटकी है। आम फाइल को भी टेंडर अप्रूवल कमेटी 10 दिन में मंजूरी दे देती है। लेकिन सीएम की घोषणा के बावजूद इसे दो महीने से पास नहीं किया गया। इसे लापरवाही कहें या लेटलतीफी। जनवरी में भेजी गई फाइल पर आज तक विभाग निर्णय ही नहीं ले पाया। न तो इस पर कोई ऑब्जेक्शन लगाया गया और न ही इसे वापस भेजा। स्थानीय अधिकारियों को भी नहीं मालूम कि यह फाइल किसलिए रोकी गई है? इसमें क्या खामी है। वह हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं, ताकि कर्ण स्टेडियम में ¨सथेटिक ट्रैक पर काम शुरू कर सके। खिलाड़ियों को भी सीएम की इस सौगात का बेसब्री से इंतजार है। उम्मीद थी कि फरवरी में कर्ण स्टेडियम में काम शुरू हो जाएगा, लेकिन मार्च बीत जाने के बाद भी फाइल का ही अता-पता नहीं है। खेल विभाग काम शुरू होने से पहले ही 7.96 करोड़ रुपये पीडब्ल्यूडी को जमा कर चुका है।

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पीडब्ल्यूडी ने बनाया था 6.89 करोड़ का एस्टीमेट

कर्ण स्टेडियम में 15 लेयर के ¨सथेटिक ट्रैक के लिए पीडब्ल्यूडी ने 6.89 करोड़ का एस्टीमेट बनाया था। टेंडर में चार कंपनियों ने आवेदन किया था। इसमें न्यूनतम रेट 7.49 करोड़ मिला था। इस कंपनी को टेंडर देने पर अस्टीमेट से 60.41 लाख अधिक चुकाने होंगे। यह रेट शिव नरेश स्पो‌र्ट्स प्राइवेट के हैं। सिनकोट्स इंटरनेशनल ने सबसे अधिक 7.87 करोड़ रेट टेंडर में भरे थे। टेंडर को अप्रूवल के लिए जनवरी में हेड ऑफिस भेज दिया गया था। काम शुरू होने के बाद छह महीने में यह बनकर तैयार होगा।

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सीएम की घोषणा शुरुआत से संकट में

खिलाड़ियों के लिए की गई सीएम की घोषणा शुरुआत से ही संकट में है। पीडब्ल्यूडी ने नवंबर में 6.24 करोड़ का टेंडर लगाया। बाद में 13 एमएम की बजाय 15 एमएम की लेयर बिछाने की शर्त जोड़ी गई। इसके बाद 65 लाख कोस्ट बढ़ गई। यह नौ जनवरी को खुलना था। फिर एक और नई शर्त जोड़ी गई। टेंडर उसी कंपनी को मिलेगा जिसके पास दो या तीन ¨सथेटिक ट्रैक बनाने का अनुभव है। इसी बीच कुछ लोग इसके विरोध में भी उतर आए। जून 2015 में पंचायती राज के एक्सइएन को ¨सथेटिक ट्रैक का एस्टीमेट बनाने के लिए पहली बार लेटर लिखा गया था। बाद में सीएम ने इसकी घोषणा की थी। ¨सथेटिक ट्रैक बना तो 1000 खिलाड़ियों को लाभ होगा

कर्ण स्टेडियम में सुबह-शाम 1000 खिलाड़ी अभ्यास करने के लिए आते हैं। इनमें 100 से अधिक एथलेटिक्स के खिलाड़ी हैं। हर खेल से जुड़े खिलाड़ियों को वार्म के लिए ¨सथेटिक ट्रैक जरूरी है। ¨सथेटिक ट्रैक बनने से इन्हें सीधा लाभ होगा। ¨सथेटिक ट्रैक से वार्मअप करना आसान हो जाएगा। ट्रैक की धूल से भी मुक्ति मिल जाएगी। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं भी यहां हो सकेंगी। एथलेटिक्स खिलाड़ी नीरज, रजत, रवि, आशीष, पायल, रितु, निशा व साक्षी का कहना है कि सीएम खुद इस पर संज्ञान लें। ---------

¨सथेटिक ट्रैक के टेंडर में चार कंपनियां आई थी। फाइनेंसियल बिड खोलने के बाद जनवरी में इसे हेड आफिस में मंजूरी के लिए भेज दिया गया था। लेकिन अभी तक अप्रूवल कमेटी की हरी झंडी नहीं मिली है। इसके बाद ही कंपनी को वर्क अलॉट किया जाएगा।

वीरेंद्र जाखड़, एसई, पीडब्ल्यूडी, करनाल


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