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पारा 4.9 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का, ऑरेंज अलर्ट जारी, पाला जमने के आसार

मौसम विभाग ने ठंड को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। तीन दिन से सुबह के समय धुंध छाई रहती है हालांकि दिन में धूप निकलती है। शीतलहर धूप की गर्माहट को बेअसर कर रही है। ठंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बुधवार की रात सीजन की सबसे ठंडी रात रिकार्ड की गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 06:29 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 06:29 PM (IST)
पारा 4.9 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का, ऑरेंज अलर्ट जारी, पाला जमने के आसार
पारा 4.9 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का, ऑरेंज अलर्ट जारी, पाला जमने के आसार

जागरण संवाददाता, करनाल :

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मौसम विभाग ने ठंड को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। तीन दिन से सुबह के समय धुंध छाई रहती है, हालांकि दिन में धूप निकलती है। शीतलहर धूप की गर्माहट को बेअसर कर रही है। ठंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बुधवार की रात सीजन की सबसे ठंडी रात रिकार्ड की गई है। वीरवार अल सुबह न्यूनतम तापमान गिरावट के साथ 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.0 डिग्री नीचे है। वहीं अधिकतम तापमान भी सामान्य से 7.0 डिग्री सेल्सियस नीचे चल रहा है। दिन व रात इतने ठंडे हो चुके हैं कि लोगों का घर से निकलना भी दूभर हो गया है। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के कारण मैदानी क्षेत्र ठिठुर रहे हैं। सुबह के समय नमी की मात्रा 98 फीसदी दर्ज की गई है। हवा की रफ्तार 3.8 किलोमीटर प्रति घंटे औसत रफ्तार के साथ चली, जो बाद में शीत लहर में तब्दील हो गई। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में धुंध छा सकती है और पाला भी जम सकता है।

बाजारों में कम रही रौनक

ठंड के असर करनाल के बाजारों में रौनक कम रही। ठंडी हवा सिसकने से लोग बाजारों में खरीददारी के लिए नहीं पहुंचे। दुकानदारों ने ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लिया। ठंड के चलते मूंगफली व गजक की बिक्री अधिक रही। अन्य दिनों के मुकाबले बाजारों में 40-50 फीसद कम लोग पहुंचें। गेहूं की फसल के लिए वरदान है ठंड

कृषि एवं कल्याण विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी डा. एसपी तोमर ने कहा कि इस समय जो ठंड पड़ रही है वह गेहूं की फसल लिए वरदान साबित होगी। दिन के समय धूप निकल जाती है और रात के समय तापमान नीचे चला जाता है, दोनों ही स्थितियां गेहूं की फसल की ग्रोथ के अनुकूल बनी हुई हैं। जिले में इस वर्ष 1.72 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गई है। मौसम विभाग का भी मानना है कि इस बार ठंड लंबी चलेगी, जिसका फायदा गेहूं, सरसों व चने की फसल को होगा। उत्पादन में अच्छी वृद्धि की अनुमान जताया जा रहा है।


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