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पहले दे दी गर्मी ने दस्तक, गेहूं की उपज में आठ फीसद की गिरावट की आशंका

इस बार गर्मी ने जल्दी दस्तक दे दी है। इसका असर गेहूं उत्पादन पर पड़ सकता है। मौसम एेसा ही रहा तो आठ फीसद तक उत्पादन में गिरावट आ सकती है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 11 Mar 2018 08:26 PM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 09:00 PM (IST)
पहले दे दी गर्मी ने दस्तक, गेहूं  की उपज में आठ फीसद की गिरावट की आशंका
पहले दे दी गर्मी ने दस्तक, गेहूं की उपज में आठ फीसद की गिरावट की आशंका

करनाल [मनोज ठाकुर]। इस बार सर्दी ने दस दिन पहले विदाई क्या ली, गेहूं की उपज प्रभावित होने की संभावना बन गई है। पिछले साल की तुलना में इस बार तापमान 2 से 3 डिग्री अधिक है। इस पर खुश्क हवाएं तापमान बढ़ने से गर्म हो रही हैं। यह गेहूं की फसल को  समय से पहले मेच्योर कर सकती हैं।

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फसल मिल्किंग स्टेज पर होने की वजह से यह खतरा ज्यादा बढ़ रहा है। गेहूं का दाना पिचक सकता है और पूरा आकार नहीं ले पाएगा। इससे उसका वजन भी कम होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तापमान इसी तरह से बढ़ता रहा तो इस बार गेहूं उत्पादन 8 प्रतिशत तक कम रह सकता है।

बस तेज हवा न चले

कृषि विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी डॉ. एसपी तोमर के मुताबिक यदि तापमान धीरे-धीरे बढ़ता है तो बंपर पैदावार होती है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले दो से तीन डिग्री तापमान ज्यादा है। इसी प्रकार से तापमान बढ़ता चला गया और तेज हवा चली तो उत्पादन में असर पडऩा संभावित है।

पिछले साल 98.4 लाख मीलियन टन उत्पादन, इस बार बढ़ गई चिंता

अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी से चिंता इस बात की है कि पिछले साल जो गेहूं उत्पादन का टारगेट हमने प्राप्त किया था उससे कहीं अछूते ना रह जाएं, क्योंकि पिछले बार से करीब 0.95 प्रतिशत रकबा की कम हुआ है और ऊपर से मौसम भी साथ नहीं दे रहा है। तापमान के कारण 7 से 8 प्रतिशत तक का बहुत बड़ा नुकसान है।

10 दिन एडवांस है गर्मी, समय से पहले शुरू हो सकती है कटाई

इस बार किसानों को तापमान का ज्यादा साथ नहीं मिला है। मार्च माह की स्थिति के अनुसार गर्मी 10 दिन एडवांस चल रही है। अमूमन 17 से 18 अप्रैल को बनने वाली गेहूं की कटाई इस बार 10 दिन पहले शुरू हो सकती है। अप्रैल के पहले सप्ताह में गेहूं कटाई शुरू होने की संभावना बनी गई हैं।

क्या करें किसान

डॉ. एसपी तोमर का कहना है कि जिन किसानों ने अभी तक अंतिम पानी नहीं लगाया है, वह हल्का पानी लगा सकते हैं। इससे तापमान पर कुछ असर कम हो सकता है। किसान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गहरा पानी न लगाएं। क्योंकि इस मौसम में तेज हवा चलती है जिससे गेहूं की फसल गिरने की संभावना बन जाती है। जिन्होंने ङ्क्षसचाई का काम पूरा कर लिया है उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

11 मार्च को पिछले 10 साल के तापमान की स्थिति

वर्ष अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान
 

2009 28.2 11
2010 25.5 10.6
2011 27.6 11.8
2012 25 10.5
2013 23.2 5.7
2014 29.0 14.6
2015 22.8 14
2016 23.4 9.4
2017 28.4 15
2018 29 13.8

नोट : यह आंकड़े केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान की ओर से जारी किए गए हैं।

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से तापमान में उतार-चढ़ाव

राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आरके गुप्ता कहते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से तापमान में उतार-चढ़ाव आ रहे हैं। फरवरी माह में भी तापमान बढ़ गया था, गनीमत यह थी कि मौसम ने यू टर्न ले लिया। मार्च माह में गर्मी एडवांस शुरू हो गई है। जो गेहूं की फसल के लिए ठीक नहीं है।

वर्ष 2017 में किस राज्य में कितना क्षेत्रफल और उत्पादन

राज्य क्षेत्रफल (लाख    हेक्टेयर में) उत्पादन प्रति हेक्टेयर (किलोग्राम)
हरियाणा 2538                          4390
पंजाब 3400 4583
उत्तर प्रदेश 9885 3075
मध्य प्रदेश 5940 2993
बिहार 2095 2252
राजस्थान 2834 3175
महाराष्ट्र 1073 1558
उत्तराखंड 342 2324
प. बंगाल 340 2824
हिमाचल 346 1915
छत्तीसगढ़ 114 1337
गुजरात 996 2950

नोट : यह आंकड़े राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान की ओर से जारी किए गए हैं।

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