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देरी से बिजली बिल मिलने का कारण बन रहे स्मार्ट मीटर

बिजली निगम कार्यालय में सुबह 11.38 पर उपभोक्ता अपनी समस्याओं को लेकर कर्मचारियों से सवाल जवाब करते दिखाई दिए लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ रोष जताते दिखाई दिए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 08:53 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 08:53 AM (IST)
देरी से बिजली बिल मिलने का कारण बन रहे स्मार्ट मीटर
देरी से बिजली बिल मिलने का कारण बन रहे स्मार्ट मीटर

जागरण संवाददाता, करनाल : बिजली निगम कार्यालय में सुबह 11.38 पर उपभोक्ता अपनी समस्याओं को लेकर कर्मचारियों से सवाल जवाब करते दिखाई दिए, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ रोष जताते दिखाई दिए। बिल देरी से पहुंचने पर कुछ उपभोक्ता पैनेल्टी के डर के कारण कार्यालय में पहुंचे थे। सेक्टर-6, 9 में स्मार्ट मीटर लगने के कारण अभी तक बिजली नहीं मिल पा रहे हैं। तीन फेस के मीटर में केवल एक फेस में सप्लाई दी जा रही है। उपभोक्ताओं की समस्या सुनने के लिए विभाग के उच्चाधिकारी गंभीर नहीं थे। --बॉक्स--

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घरों में देरी से मिल रहे बिल

फोटो 36

सेक्टर-6 निवासी परमिद्रपाल सिंह ने बताया कि घरों में बिजली बिल न मिलने के कारण पैनेल्टी का डर रहता है। इसलिए विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। अगर उपभोक्ता को बिल दिया जाता है तो राशि जमा कराने के लिए समय ही नहीं मिलता है। अब विभाग की ओर से उपभोक्ता की गलती निकाल कर पैनेल्टी लगा दी गई है जोकि गलत बात है। ---बॉक्स--

विभाग वेबसाइट पर हल नहीं

फोटो 37, 38

बांसो गेट निवासी रोहन कुमार ने बताया कि मीटर रीडिग नहीं ली जा रही है और न ही बिजली बिल घरों में भेजे जा रहे हैं। ऑनलाइन विभाग की साइट पर बिल भरने का प्रयास किया तो समस्या बताई जा रही है। मजबूरन पैनेल्टी के डर से जरूरी काम छोड़कर कार्यालय में चक्कर काटना पड़ा है। यहां भी कर्मचारी सही से जवाब नहीं दे पा रहे हैं। ---बॉक्स---

तीन बार शिकायत के बावजूद कार्यवाही नहीं

फोटो 38

सेक्टर-6 निवासी विकास ने बताया कि तीन फेस के मीटर में केवल एक लाइन में बिजली सप्लाई दी जा रही है। विभाग के अधिकारियों को तीन बार शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। कर्मचारियों के पास समस्या का हल नहीं है और उच्चाधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। सुविधाओं के लिए बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।


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