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जिले को हरा-भरा बनाने के लिए रोपित किए जाएंगे छह लाख पौधे

जागरण संवाददाता करनाल जिले को हरा-भरा बनाने के लिए वर्ष 2022-23 के दौरान छह लाख 5850

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 11:10 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 11:10 PM (IST)
जिले को हरा-भरा बनाने के लिए रोपित किए जाएंगे छह लाख पौधे

जागरण संवाददाता, करनाल : जिले को हरा-भरा बनाने के लिए वर्ष 2022-23 के दौरान छह लाख 5850 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से उपायुक्त अनीश यादव ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में वन विभाग व पंचायत विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि मानसून सीजन शुरू हो चुका है, इस दौरान अधिक से अधिक पौधे लगाना सुनिश्चित करें। इसके लिए अलग-अलग विभागों को पौधारोपण का लक्ष्य दिया जाए। यह विभाग न केवल पौधारोपण का कार्य करवाना सुनिश्चित करेंगे बल्कि पौधों को संरक्षण प्रदान करने की जिम्मेदारी भी निभाएंगे।

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उपायुक्त ने बैठक में जिला परिषद के सीईओ को निर्देश दिए कि वे ग्रामीण क्षेत्र में लोगों के सहयोग से पौधे लगवाएं। गड्ढे खोदने का कार्य मनरेगा से करवाया जाए। पौधे वन विभाग द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। तालाबों पर पौधारोपण कराएं। आक्सी वन पार्क के लिए प्रत्येक ब्लाक में दो-दो गांवों में खाली भूमि की पहचान की जाए। नगर निगम ऐसी जगह तलाशे जहां पौधारोपण करवाया जा सके। जिला वन अधिकारी सभी नर्सरियों की सूचना संबंधित अधिकारियों को देंगे। जिला वन अधिकारी जय कुमार ने बताया कि पौधागिरी कार्यक्रम के तहत शिक्षा विभाग को एक लाख 17 हजार पौधे, जल शक्ति मिशन के तहत पंचायती राज विभाग को एक लाख 60 हजार पौधे तथा अन्य योजनाओं के तहत एक लाख 50 हजार पौधे निशुल्क वितरित किए जाएंगे। ग्राम पंचायत की 50 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण होगा। जिला विकास पंचायत अधिकारी पंचायतों की खाली भूमि वन विभाग को उपलब्ध कराए। इंस्टालेशन लैंड स्कीम के तहत संस्थागत 25 ऐक्टेयर भूमि पर पौधारोपण का कार्य करवाया जाना है।

उन्होंने बताया कि फार्म फोरेस्ट्री स्कीम के तहत किसानों की करीब 350 हैक्टेयर भूमि पर क्लोन पौधारोपण होगा। तीन लाख 85 हजार पौधे रोपित किए जाने हैं। ग्रीनिग आफ विलेज पोंड योजना के तहत जिले के 100 गांवों के जोहड़ों पर बड़, पीपल, पिलखन, ईमली, नीम के 10 पौधे प्रति लगाए जाने हैं। आक्सी वन योजना के तहत ओल्ड बादशाही कैनाल पर सैक्टर चार से मधुबन तक कार्य आरंभ किया गया। यह कार्य प्रथम चरण में दो किलोमीटर तक किया जाएगा, जिसमें पाखी वन, कृष्ण वाटिका, चितवन, सुगंधित वन का निर्माण किया जाना है। कृष्ण वाटिका में बड़, पीपल, पिलखन, ईमली, नीम, कदम, अर्जुन, हारसिगार, जामुन आदि का पौधारोपण किया जाएगा। वन महोत्सव के तहत दो हजार पौधे रोपित किए जाएंगे। 11 पंचायतों को एक-एक हजार पौधे प्रति वितरित किए जाएंगे। वन महोत्सव के दिन विभिन्न प्रजाति के 75 पौधे रोपित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन की भूमि, बलड़ी बाईपास, आईटीआई चौक, नमस्ते चौक, बसताड़ा टोल के पास लगते नेशनल हाईवे की भूमि में मियांवाकी फोरेस्ट निर्मित किया जाना प्रस्तावित है। वन चेतना यात्रा सभी उपमंडलों में चलाई जाएगी। स्कूलों में पौधारोपण किया जाएगा। ग्रीन बेल्ट प्लांटेशन एचएसआईडीसी की भूमि में नमस्ते चौक से राधास्वामी भवन तक 50 मीटर की चौड़ी पट्टी पर छायादार, फूलदार, फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा। नेशनल हाईवे 44 पर बलड़ी बाईपास तक तथा मधुबन पुलिस कॉम्पलैक्स से पानीपत सीमा तक 10 हजार छायादार, फूलदार पौधे जैसे गुलमोहर, लेजरस्टरोमिया, गुलाबी तुन, जकरैण्डा, कदम तुन, शीशम का पौधे रोपित किए जाएंगे। गड्ढे खोदने का कार्य हो चुका है। बैठक में सीइओ जिला परिषद गौरव कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजबीर खुंडिया, नगर निगम के ईओ देवेन्द्र नरवाल व पंचायती राज के कार्यकारी अभियंता परविद्र सैनी उपस्थित रहे।


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