स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी, लाइन घंटो खड़े रहते मरीज
हरियाणा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के सरकारी दावों और हकीकत में दिन-रात की तरह अंतर है। सरकार ने भले ही स्वास्थ्य केंद्रों के लिए बड़ी-बड़ी इमारते खड़ी कर दी हो लेकिन घरौंडा के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के साथ-साथ इलाके के पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों और स्टाफ की भारी कमी है। सीएचसी घरौंडा में दो चिकित्सकों पर करीब पांच सौ की ओपीडी है। ऐसे में एक मरीज को चिकित्सक कितना समय दे पाता है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की वजह से मजबूरी में लोग प्राइवेट अस्पतालों की तरफ जाते हैं।
संवाद सहयोगी, घरौंडा : हरियाणा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के सरकारी दावों और हकीकत में दिन-रात की तरह अंतर है। सरकार ने भले ही स्वास्थ्य केंद्रों के लिए बड़ी-बड़ी इमारते खड़ी कर दी हो लेकिन घरौंडा के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के साथ-साथ इलाके के पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों और स्टाफ की भारी कमी है। सीएचसी घरौंडा में दो चिकित्सकों पर करीब पांच सौ की ओपीडी है। ऐसे में एक मरीज को चिकित्सक कितना समय दे पाता है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की वजह से मजबूरी में लोग प्राइवेट अस्पतालों की तरफ जाते हैं।
स्थ्य विभाग के नियमों के मुताबिक, सीएचसी में एक एसएमओ, छह मेडिकल अफसर, आठ नर्सिंग स्टाफ, दो फार्मासिस्ट, दो लैब टेक्नीशियन होने चाहिए, जबकि शहर की सीएचसी में इन मापदंडो में कोई भी पूरा नहीं है। सीएचसी में प्रतिदिन 500 से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं, लेकिन अस्पताल में मरीजों के लिए एक एसएमओ व एक चिकित्सक है। छह घंटे की ओपीडी में एक चिकित्सक को प्रति घंटा औसतन 40 मरीजों का चेकअप और दवाई लिखनी पड़ती है। सीएचसी में लैबोरेटरी टेक्नीशियन की पोस्ट में काफी समय से खाली है, ऐसे में ब्लड सैम्पलिग, जांच की जिम्मेदारी एकमात्र लैब टेक्नीशियन के भरोसे है। क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के हालात और दयनीय है। कुटेल और गगसीना पीएचसी को छोड़कर गांव बरसत, चौरा व गुढ़ा के पीएचसी पर चिकित्सकों की पोस्ट खाली है। चिकित्सकों की कमी के साथ-साथ सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नर्सिंग, फार्मेसी व टेक्नीशियन स्टाफ का भी अभाव है।
सीएचसी व पीएचसी में स्टाफ की स्थिति
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, घरौंडा सीएचसी में दो चिकित्सक, छह नर्सिंग स्टाफ, दो फार्मासिस्ट, एक लैब टेक्नीशियन है। बरसत व चौरा पीएचसी में कोई चिकित्सक नहीं है, लेकिन यहां पर दो नर्सिंग स्टाफ, एक-एक फार्मासिस्ट व एक लैब टेक्नीशियन है। गगसीना पीएचसी में एक चिकित्सक है। दो नर्सिंग स्टाफ है और एक फार्मासिस्ट है लेकिन यह कोई एलटी और कोई फार्मासिस्ट नहीं है। कुटेल पीएचसी में दो चिकित्सक हैं। दो नर्स हैं, एक फार्मासिस्ट है और एलटी कोई नहीं है। गुढा पीएचसी में सिर्फ बिल्डिग बनाई गई है वहां कोई चिकित्सक नहीं है और ना ही कोई स्टाफ है। एसएमओ डा. मुनेश गोयल ने बताया कि सीएचसी व पीएचसी में डाक्टरों के कई पद रिक्त है इसके लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए पीएचसी में नियुक्त डाक्टरों से रोटेशन में ड्यूटी रहती है।