शहरवासियों को रास नहीं आ रही जन स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं
पायलट प्रोजेक्ट के तहत जन स्वास्थ्य विभाग को नगर निगम में मर्ज करना शहरवासियों को रास नहीं आ रहा है। नगर निगम की ओर से पेयजल कनेक्शन लीकेज समस्या व सीवर जाम ठीक करवाने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। नगर निगम की ओर से संबंधित सभी कार्यो का ठेका दे दिया है। ठेके पर काम होने के कारण लोगों की समस्या का हल नहीं हो रहा है। दूसरी तरफ जल बचाव के लेकर मुहिम छेड़ी गई है जबकि शहर में अनेक खुली टोंटियों से हजारों लीटर साफ पानी व्यर्थ बहता देखा जा सकता है।
जागरण संवाददाता, करनाल : पायलट प्रोजेक्ट के तहत जन स्वास्थ्य विभाग को नगर निगम में मर्ज करना शहरवासियों को रास नहीं आ रहा है। नगर निगम की ओर से पेयजल कनेक्शन, लीकेज समस्या व सीवर जाम ठीक करवाने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। नगर निगम की ओर से संबंधित सभी कार्यो का ठेका दे दिया है। ठेके पर काम होने के कारण लोगों की समस्या का हल नहीं हो रहा है। दूसरी तरफ जल बचाव के लेकर मुहिम छेड़ी गई है जबकि शहर में अनेक खुली टोंटियों से हजारों लीटर साफ पानी व्यर्थ बहता देखा जा सकता है।
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16 सितंबर 2018 को किया था मर्ज
कर्मचारी यूनियन राज्य प्रधान कृष्ण शर्मा ने बताया कि 16 सितंबर 2018 को जनस्वास्थ्य विभाग करनाल और सोनीपत के कर्मचारी डेपुटेशन पर नगर निगम में भेज दिए थे। नगर निगम ने पेयजल-सीवर शिकायतों के निवारण के लिए ठेका दे दिया और कर्मचारियों को दो वर्ष तक कोई काम नहीं दिया गया। अधिकतर कर्मचारियों ने डेपुटेशन हटवाकर जनस्वास्थ्य विभाग में वापसी कर ली। शहरवासी विजय कुमार ने बताया कि ठेका होने के कारण पेयजल लीकेज की शिकायत दी थी, एक महीने बाद भी समस्या का हल नहीं हो सका। मजबूरन निजी खर्चा करके लीकेज ठीक करवाई है।
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दो साल के वेतन का अभी तक हिसाब नहीं
जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी धर्मवीर ने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को बिना किसी योजना के वर्ष-2018 में नगर निगम में डेपुटेशन पर भेज दिया गया। पहले छह माह तक उन्हें वेतन के लिए संघर्ष करना पड़ा। अगर कभी उनकी खातों में वेतन आया भी तो आधा-अधूरा आता था। नौकरी में मिलने वाले लाभ को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। दोनों विभाग के अधिकारी भी इसका हल आज तक नहीं निकाल सके हैं। वहीं, नगर निगम के कमिश्नर विक्रम ने बताया कि उनकी नियुक्ति से पहले का यह मामला है। शहर में पानी-सीवर की समस्या के लिए हैल्पलाइन नंबर जारी किया गया है ताकि समय रहते समस्या का हल किया जा सके। इसके अलावा कर्मचारियों के वेतन व अन्य को लेकर आलाधिकारियों से बातचीत की जाएगी।