सचिवालय में दम तोड़ता स्वच्छता अभियान, नोडल अधिकारी तक नियुक्त नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश भर में चलाया गया स्वच्छता अभियान सीएम सिटी के जिला सचिवालय में दम तोड़ रहा है। जिन अधिकारियों पर पूरे जिले को स्वच्छ बनाने का जिम्मा है उनका अपना ही आंगन पूरी तरह से मैला है।
जागरण संवाददाता, करनाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश भर में चलाया गया स्वच्छता अभियान सीएम सिटी के जिला सचिवालय में दम तोड़ रहा है। जिन अधिकारियों पर पूरे जिले को स्वच्छ बनाने का जिम्मा है, उनका अपना ही आंगन पूरी तरह से मैला है। यहां तक कि सचिवालय परिसर में स्वच्छता को लेकर आज तक प्रशासन की ओर से नोडल अधिकारी नियुक्त नहीं किया जा सका है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जिला भर में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने को लेकर कितनी गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने का संकल्प दिलाने वाले स्वच्छ भारत मिशन के वाईस चेयरमैन सुभाष चंद्र की ओर से लघु सचिवालय का निरीक्षण खानापूíत तक सिमट गया है। स्मार्ट सिटी में भरपूर विकास का आश्वासन देने वाले सांसद व विधायक भी यहां से आंख मूंद कर बैठे हैं।
स्वच्छता का संदेश देने वालों के परिसर में ऐसे हालात
डीसी कार्यालय के पास बने कांफ्रेस हॉल में जिले को सुधारने के की जाने वाले बैठकों के दौरान अधिकारियों की नजर अभी तक परिसर के पास पड़े गंदगी के ढेर पर नहीं पड़ी है। सचिवालय का सारा कचरा यहीं पर फैंक मुलाजिम अफसरों का कार्यालय तो साफ कर रहे हैं, लेकिन लोगों को गंदगी का वातावरण व बीमारियां बांट रहे हैं। लिफ्ट का सहारा लेने वाले अधिकारियों के बिल्डिग की बेसमेंट का राउंड न लगाने के चलते बदबू का माहौल है। साथ ही ब्लॉक-2 की बिल्डिग की बेसमेंट भी लावारिस हालत में है। छतों पर साफ-सफाई न होना और परिसर में झाड़ियां आम हैं। सीएम विडों में शिकायत देने पहुंचे ग्रामीण बलवान ने बताया कि सचिवालय में महीनों से पड़े कबाड़ को देखकर अधिकारियों की कार्यप्रणाली की मंशा साफ झलक रही है। सीएम विडो के बाहर पड़ी गंदगी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां न्याय मिलना मुश्किल है।
अधिकारियों के साथ बैठक कर नियुक्त करेंगे जिम्मेदार
स्वच्छ भारत मिशन के वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने कहा कि लघु सचिवालय में गंदगी गंभीर मामला है। 22 अक्टूबर को सचिवालय में निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। इस संबंध में जब उपायुक्त से बात हुई तो उन्होंने योजना अमल में लाने के लिए कहा है। सचिवालय में सफाई व्यवस्था पर नजर रखने के लिए अभी तक नोडल अधिकारी नहीं है और इसके लिए सभी अधिकारियों के साथ दिसंबर के पहले सप्ताह में बैठक के लिए उपायुक्त से बातचीत हुई है। नोडल अधिकारी नियुक्त होने के बाद परिसर को साफ रखने की अधिकारी की जवाबदेही तय हो सकेगी। स्वच्छता को लेकर किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।