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किन्नौर के किसान परिवारों को भा रही साहीवाल गाय

किन्नौर हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के और किसान परिवारों के रुझान के बढ़ते किसानों भारतीय मूल की साहीवाल गाय पसंद आ रही है। यह जानकारी राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ. दलीप गोसाई ने दी। किन्नौर हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के और किसान परिवारों के रुझान के बढ़ते किसानों भारतीय मूल की साहीवाल गाय पसंद आ रही है। यह जानकारी राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ. दलीप गोसाई ने दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 06:10 AM (IST)
किन्नौर के किसान परिवारों को भा रही साहीवाल गाय
किन्नौर के किसान परिवारों को भा रही साहीवाल गाय

जागरण संवाददाता, करनाल :

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किन्नौर, हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के और किसान परिवारों के रुझान के बढ़ते किसानों भारतीय मूल की साहीवाल गाय पसंद आ रही है। यह जानकारी राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ. दलीप गोसाई ने दी। उन्होंने साहीवाल गाय के बारे में किन्नौर से आए किसानों के एक दल से जानकारी साझा की। डॉ. गोसाई ने आए हुए दल के सदस्यों को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में साहीवाल गाय दिखाई और कहा कि किन्नौर जैसे जिले में अत्याधिक ठंड के चलते शुरुआत में पशुपालक प्रयोगात्मक रूप से इस नस्ल की गाय को पूर्णत: वैज्ञानिक विधि से ही रखें। सदस्यों ने बताया कि वे साहीवाल नस्ल की गाय को पालना चाहते हैं। इसके गोबर से प्राकृतिक खेती में प्रयोग होने वाली खाद और और गोमूत्र से बनने वाले स्प्रे कई तरीके से लाभकारी होंगे । डॉ. गोसाईं ने चर्चा में कहा कि इन गायों से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए पशुपालक पूरे साल खिलाई-पिलाई पर पूरा ध्यान रखें और इनकी वंशावली बढ़ाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान से आने वाली नस्ल को बनाएं।


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