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अपने ही सर्वे से कटघरे में खाकी: न व्यवहार बदल पाई हरियाणा पुलिस, न उम्मीदों पर उतरी खरी

हरियाणा पुलिस द्वारा कराए गए सर्वे में अधिकांश लोग पुलिस के कार्य व्यवहार से संतुष्ट नजर नहीं आए। सर्वे में 1176 लोगों को शामिल किया गया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 09:03 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 09:03 AM (IST)
अपने ही सर्वे से कटघरे में खाकी: न व्यवहार बदल पाई हरियाणा पुलिस, न उम्मीदों पर उतरी खरी
अपने ही सर्वे से कटघरे में खाकी: न व्यवहार बदल पाई हरियाणा पुलिस, न उम्मीदों पर उतरी खरी

करनाल [सेवा सिंह]। कानून व्यवस्था बेहतर बनाने के लाख दावे हों, लेकिन आज भी पुलिस गाली-गलौज से लेकर रिश्वत के खेल को लेकर कटघरे में खड़ी है। हरियाणा पुलिस की सेवाएं भी समय से नहीं मिलतीं तो सार्वजनिक स्थलों पर लोगों में असुरक्षा की भावना भी यथावत है। पुलिस की यह हकीकत करनाल, कैथल, पानीपत सहित अन्य जिलों में हाल में खुद कराए गए सर्वे में सामने आई है। हालांकि कुछ स्तरों पर लोग पुलिस से संतुष्ट भी दिखे लेकिन सर्वे से स्पष्ट हुआ है कि महकमे में बड़े सुधार की जरूरत है।

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आइजी भारती अरोड़ा के आदेशानुसार यह सर्वे कराया गया, जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जा सकती है, ताकि सुधार के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। सर्वे में करनाल, कैथल, पानीपत सहित अन्य जिलों के 1176 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें 27.2 फीसद महिलाएं व 72.8 फीसद पुरुष हैं। सर्वे में जवाब देने वालों में 18 साल से कम आयु के 3.1 फीसद, 30 वर्ष तक के 37.4 फीसद, 50 साल तक के 50.8 व इससे ऊपर के 8.7 फीसद लोग शामिल रहे।

49 फीसद लोग बोले-जारी है रिश्वत का खेल

सर्वे में पुलिस 49 फीसद लोगों ने पुलिस के व्यवहार में आज भी रिश्वत का चलन माना तो करीब 70 फीसद लोगों ने कहा कि पुलिस गाली-गलौज करती है। कुछ ने माना कि पुलिस शारीरिक प्रताड़ना भी करती है।

दुर्गा शक्ति एप व महिला हेल्प लाइन से असंतुष्ट

359 लोगों ने दुर्गा शक्ति एप प्रयोग किया, जिसके बाद कार्रवाई से 33.7 फीसद लोग अंसतुष्ट रहे तो 30.2 फीसद लोगों ने ठीक बताया। महिला हेल्पलाइन 1091 पर सूचना व शिकायत देने वाले 34 फीसद लोग कार्रवाई से असंतुष्ट रहे। 27 फीसद ने कहा कि पुलिस तत्काल पहुंची। 100 नंबर पर कॉल करने पर 29.3 फीसद लोगों ने माना कि पीसीआर उम्मीद से पहले पहुंची तो पांच फीसद बोले, पीसीआर पहुंची ही नहीं। 52 फीसद लोगों ने माना कि आपात स्थिति में पुलिस को सूचना देना ही प्राथमिकता है।

वाहन चोरी की वारदातें दरकिनार

सर्वे के अनुसार पुलिस भले ही हत्या, दुष्कर्म, लूट व ट्रैफिक कंट्रोल को गंभीरता से लेती है, लेकिन वाहन चोरी व साइबर अपराध जैसे मामले दरकिनार ही रहते हैं। इन पर सबसे कम ध्यान दिया जाता है।

31 फीसद बोले- अपराध बढ़ा

44.4 फीसद लोगों ने माना है कि पिछले तीन सालों में अपराध कम हुआ है, लेकिन 31.7 फीसद लोग मानते हैं कि आपराधिक वारदातें बढ़ी हैं। 23.9 फीसद लोगों की मानें तो वारदातें ज्यों की त्यों जारी हैं।

सार्वजनिक स्थलों पर असुरक्षा

पुलिस भले हर जगह सुरक्षित माहौल के दावे करती है, लेकिन आज भी लोगों को सार्वजनिक स्थल सबसे अधिक असुरक्षित लगते हैं। 80 फीसद लोग घर तो 60 फीसद कार्यस्थल या पुलिस स्टेशन में सुरक्षित महसूस करते हैं।

35 फीसद बोले-पुलिसकर्मी का व्यवहार अच्छा

सर्वे में 61 फीसद लोगों ने बताया कि तीन साल के दौरान वे पुलिस के संपर्क में आए। 35.6 फीसद ने पुलिसकर्मी के व्यवहार पर गंभीरता से संतुष्टि जताई तो 17 फीसद से अधिक लोग बोले कि पुलिसकर्मी ने अच्छे तरीके से व्यवहार नहीं किया। 76 फीसद लोगों ने कहा कि उनकी समस्या पर सुनवाई हुई तो 23.7 फीसद बोले कि पुलिस ने सुनवाई नहीं की।

पुलिस पर कार्य का बोझ

70.9 फीसद लोगों ने कहा कि पुलिस पर काम का बोझ है। किसी भी मामले में जांच के लिए थर्ड डिग्री प्रयोग करने पर 45 फीसद लोग ही सहमत हुए।


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