मार्च का एक दिन बचा, अधिकतर जगह राशन नहीं बंटा, कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का एक अमानीवय चेहरा सामने आया है। मार्च माह का आज अंतिम दिन है लेकिन अब तक विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को राशन वितरित नहीं कराया गया है।
प्रदीप शर्मा, करनाल
कोरोना वायरस को लेकर पूरा देश लॉकडाउन है। संकट की इस घड़ी में हर व्यक्ति जरूरतमंद लोगों की हर प्रकार की सहायता के लिए तत्पर है। लेकिन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का एक अमानवीय चेहरा सामने आया है। मार्च का मंगलवार को अंतिम दिन है, लेकिन अब तक विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को राशन वितरित नहीं कराया गया है। यह वह समय है जब एक-एक दाने की कीमत है। जिला प्रशासन भी दावे कर रहा है कि इस संकट के दौर में हरसंभव सहायता लोगों तक पहुंचाई जा रही है। लेकिन इस दावे की पोल उस समय खुल गई जब डिपो होल्डरों के फोन बजना शुरू हो गए।
गांव सालवन, पाढ़ा, बल्ला, गोली व माजरा सहित कई डिपो होल्डरों ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि उनके पास राशन पहुंच चुका है, लेकिन उसे बांटने नहीं दिया जा रहा है। ऐसा क्यों किया जा रहा है यह समझ से परे है। डीएफएससी को इस संबंध में सूचना देने के बाद इंस्पेक्टरों को बचा हुआ राशन वितरित करने के आदेश जारी किए गए। ..तो क्या राशन हड़पने की तैयारी थी?
जानकारी के मुताबिक एक सप्ताह पहले से ही सभी डिपो पर सप्लाई पहुंच चुकी थी, लेकिन उसके बाद भी राशन वितरित नहीं किया गया। राशन ना मिलने की आ रही शिकायतों के बीच दैनिक जागरण ने मामले की पड़ताल की ओर डिपो होल्डरों से बातचीत की तो नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि उन्हें अभी राशन बांटने की अनुमति नहीं दी गई है। यदि बिना अनुमति के वह बांटेंगे तो उनका डिपो कैंसिल किया जा सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि मार्च माह जब बीतने को है और राशन वितरित नहीं किया गया तो क्या मार्च माह के राशन हड़पने की तैयारी थी? पिछले दिनों यह दिया जा रहा था तर्क
सरकार की तरफ से जरूरतमंदों को रियायती दामों पर बांटे जाने वाले राशन पर कोरोना वायरस के चलते रोक लगी हुई थी। मार्च का राशन डिपो होल्डर तक नहीं पहुंचने के कारण लोगों को आटे का संकट पड़ गया था। लोगों की मजबूरी को समझते हुए अब प्रशासन ने राशन सप्लाई करने वाले लेबर सहित अन्य के 21 दिन के लिए आई कार्ड बनाए जाएंगे। इससे डिपो होल्डर पर राशन पहुंच पाएगा। राशन तो पहुंच गया, लेकिन बंटने नहीं दिया गया। 580 डिपो होल्डरों पर 9 लाख लाभार्थी
जिले में 580 डिपो होल्डरों से करीब 9 लाख लाभार्थी जुड़े हुए हैं। लॉक डाउन के चलते गरीबों की दिक्कतें बढ़ गई। क्योंकि डिपो पर बंटने वाले राशन से ही वह महीने भर खाना खाते हैं। इस बार उनको राशन नहीं मिलने के कारण वह डिपो के चक्कर लगा रहे हैं। राशन डिपो पर 5 रुपये प्रति किलोग्राम के साथ आटा बांटा जाता है। एक सदस्य के हिस्से में पांच किलो आटा देते हैं। डिपो होल्डरों का कहना है कि उनके पास सप्लाई नहीं आने से लोग परेशान कर रहे हैं। डिपो दुकान नहीं खोलते हैं तो लोग घरों में पहुंच जाते हैं। मोबाइल पर बार-बार फोन करते हैं। इससे परेशानी आ रही है। इसके अलावा लोगों का आटा भी खत्म हो चुका है। उन्होंने मार्केट से महंगे भाव का आटा खरीदना पड़ रहा है। इतने पैसे खर्चने में वह समर्थ नहीं है। इसलिए प्रशासन ने इसका समाधान करना बहुत जरूरी है। हर माह 10 तारीख तक बंटता था राशन, 30 मार्च तक भी क्यों नहीं बंटा
लोगों ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। सालवन गांव के रामपाल ने कहा कि हर महीने की 10 तारीख से पहले राशन मिल जाता था। इस बार 30 मार्च हो चुकी है। अब भी डिपो से राशन नहीं मिल पा रहा है। इससे उन्हें महंगे भाव का आटा खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वर्जन
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार ने कहा कि असंध का आटा आज फाइनल हो जाएगा। पिछला गेहूं लेट हो गया था। काम बंद होने के कारण दिक्कत आई। असंध में जहां राशन नहीं पहुंचा, आज पहुंच जाएगा। जिन डिपो पर राशन पहुंचा है, उन्हें बांटने के लिए अनुमति की क्या जरूरत है। लेकिन इस प्रकार की बात आई है तो अभी चेक कराता हूं। मार्च माह का राशन हर हाल में बंटेगा।