जनता कर्फ्यू का असर, पीएम-10 की मात्रा 112.8 पर आई
जागरण संवाददाता करनाल कोरोना को हराने के लिए लगाए गए जनता कर्फ्यू से एक ओर फायदा मिला है। वह करनाल की आबोहवा में परिवर्तन। पीएम-10 और पीएम-2.5 की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। रविवार को जनता कर्फ्यू के कारण ना लोग घरों से बाहर नहीं निकले। शहर में फुटफॉल बिल्कुल बंद रहा। इससे वातावरण की स्थिति भी सुधरी है। हालांकि प्रदूषण का स्तर पहले भी इतना खराब नहीं था लेकिन रविवार को जनता कर्फ्यू के कारण वातावरण की स्थिति ओर बेहतर हो गई। कोरोना संक्रमण की स्थिति में ऐसे माहौल में वातावरण के माहौल का प्रभाव काफी अहम रोल अदा करता है। पिछले कुछ दिनों में पर्यावरण प्रदूषण के स्तर की बात की जाए तो ज्यादा खराब नहीं है। 17 मार्च को पीएम-10 की मात्रा 125 माइक्रोग्राम व पीएम-2.5 की मात्रा 60 दर्ज की गई। 1
जागरण संवाददाता, करनाल
कोरोना को हराने के लिए लगाए गए जनता कर्फ्यू से एक ओर फायदा मिला है। वह करनाल की आबोहवा में परिवर्तन। पीएम-10 और पीएम-2.5 की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। रविवार को जनता कर्फ्यू के कारण ना लोग घरों से बाहर नहीं निकले। शहर में फुटफॉल बिल्कुल बंद रहा। इससे वातावरण की स्थिति भी सुधरी है। हालांकि प्रदूषण का स्तर पहले भी इतना खराब नहीं था, लेकिन रविवार को जनता कर्फ्यू के कारण वातावरण की स्थिति ओर बेहतर हो गई।
कोरोना संक्रमण की स्थिति में ऐसे माहौल में वातावरण के माहौल का प्रभाव काफी अहम रोल अदा करता है। पिछले कुछ दिनों में पर्यावरण प्रदूषण के स्तर की बात की जाए तो ज्यादा खराब नहीं है। 17 मार्च को पीएम-10 की मात्रा 125 माइक्रोग्राम व पीएम-2.5 की मात्रा 60 दर्ज की गई। 18 मार्च को पीएम-10 की मात्रा 124 माइक्रोग्राम व पीएम-2.5 की मात्रा 62 दर्ज की गई है। इसी प्रकार 19 मार्च को पीएम-10 बढ़ोतरी के साथ 152 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया। पीएम-2.5 की मात्रा 79.9 माइक्रोग्राम दर्ज की गई। 20 मार्च को पीएम-10 की मात्रा में मामूली सुधार दर्ज किया गया। 149.50 माइक्रोग्राम रहा। पीएम-2.5 बढ़कर 82.4 दर्ज किया गया। 21 मार्च को पीएम-10 की मात्रा 142.0 माइक्रोग्राम दर्ज की गई। वहीं पीएम-2.5 भी घटकर 72 पर आ गया। रविवार यानि 22 मार्च को पीएम-10 की मात्रा 112.8 माइक्रोग्राम दर्ज की गई है। पीएम-2.5 की मात्रा 67 माइक्रोग्राम रही।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ शैलेंद्र अरोड़ा ने कहा कि स्वच्छ आबोहवा के लिए पीएम-10 की मात्रा 100 और पीएम-2.5 की मात्रा 60 तक होनी चाहिए। इससे ऊपर जाने पर वातावरण प्रदूषित होता चला जाता है।