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बड़ा गांव प्रकरण: दो तालाब बनाने का प्रोजेक्ट रद

बड़ा गांव के चर्चित प्रकरण में एक और अहम मोड़ आया है। अब यहां रिजर्व फारेस्ट में तालाब नही बनेंगे। बिना परमिशन जंगल से पेड़ काटने के चर्चित प्रकरण में वन अधिकारियों व कर्मचारियों के निलंबन एवं जारी जांच प्रक्रिया के कारण दोनों तालाबों के स्वीकृत प्रोजेक्ट को रद कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 12:29 AM (IST)Updated: Mon, 27 Dec 2021 12:29 AM (IST)
बड़ा गांव प्रकरण: दो तालाब बनाने का प्रोजेक्ट रद
बड़ा गांव प्रकरण: दो तालाब बनाने का प्रोजेक्ट रद

संवाद सूत्र, कुंजपुरा : बड़ा गांव के चर्चित प्रकरण में एक और अहम मोड़ आया है। अब यहां रिजर्व फारेस्ट में तालाब नही बनेंगे। बिना परमिशन जंगल से पेड़ काटने के चर्चित प्रकरण में वन अधिकारियों व कर्मचारियों के निलंबन एवं जारी जांच प्रक्रिया के कारण दोनों तालाबों के स्वीकृत प्रोजेक्ट को रद कर दिया गया है।

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लगातार चर्चा में बने इस प्रकरण के तहत आ रहे उतार-चढ़ाव के बीच वन्य प्राणियों के लिए पीने के पानी की प्रस्तावित व्यवस्था भी इस विवाद की भेंट चढ़ गई। बता दें कि जंगल में तालाबों की व्यवस्था के लिए ही पेड़ काटने का सिलसिला शुरू हुआ था। खामियाजा जहां वन अधिकारी एवं कर्मचारियों को निलंबन के दंश के रूप में झेलना पड़ा, वही अब वन्य प्राणियों को पीने के पानी की प्रस्तावित सुविधा से वंचित रहने की विवशता के रूप में भुगतना होगा।

कुछ समय पूर्व ग्रामीणों के आग्रह पर वन मंडल करनाल के अधिकारियों ने जंगल में रहने वाले वन्य प्राणियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था को लेकर प्रस्ताव तैयार करके विभाग के उच्च अधिकारियों के पास स्वीकृति के लिए भेजा था। विभाग द्वारा स्वीकृति देने के साथ ही 78 लाख रुपए का बजट भी अलाट कर दिया गया। इसी दौरान जिला के वन विभाग द्वारा प्रस्तावित तालाबों के लिए चिन्हित जगह में खड़े पेड़ों को बिना परमिशन काटने का सिलसिला शुरू हो गया। भनक लगने पर कई ग्रामीण विरोध स्वरूप खड़े हो गए। कुछ लोगों द्वारा शासन एवं अन्य संबंधित उच्च अधिकारियों को अवैध तौर से पेड़ काट कर बेचने की शिकायत कर दी गई। इसके बाद मामले की जांच शुरू हो गई।

प्रारंभिक जांच की जद में आये कई वन अधिकारी एवं कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई गई। वन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न चिन्ह अंकित हो गया। साथ ही तालाब बनाये जाने के दौरान संभावित अनियमितता की आशंका भी प्रबल नजर आने लगी। इसी आशंका के चलते अब तालाब बनाने के प्रोजेक्ट को ही रद कर दिया गया। इस संबंध में रोहतक परिमंडल के मुख्य वन संरक्षक आइएफएस एमएल राजवंशी ने बताया कि बड़ा गांव के जंगल में तीन एकड़ भूमि में अलग-अलग दो तालाब बनाने के लिए 78 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हो चुका था। अब तालाब बनाने की परियोजना को उन्होंने रद कर दिया है। इसके साथ ही इस कार्य के लिए स्वीकृत 78 लाख रुपए का बजट रोक लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने विधिवत सूचना वन विभाग के प्रदेश मुख्यालय को भेज दी है।


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