Move to Jagran APP

नियम 134ए: सरकार के विरोध में निजी स्कूल संचालक, काम नहीं आई शिक्षा विभाग की सख्ती

सरकार के आदेशों की परवाह न कर नियमों को तोड़ निजी स्कूलों ने आठवें दिन भी अभिभावकों को दाखिला देने से मना कर दिया गया। मुख्यालय में बैठक के बाद शिक्षा विभाग ने अब फैमिली आइडी लिक करने के आदेश दिए हैं। साथ ही दाखिलों की तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Dec 2021 08:58 PM (IST)Updated: Fri, 24 Dec 2021 08:58 PM (IST)
नियम 134ए: सरकार के विरोध में निजी स्कूल संचालक, काम नहीं आई शिक्षा विभाग की सख्ती

जागरण संवाददाता, करनाल : सरकार के आदेशों की परवाह न कर नियमों को तोड़ निजी स्कूलों ने आठवें दिन भी अभिभावकों को दाखिला देने से मना कर दिया गया। मुख्यालय में बैठक के बाद शिक्षा विभाग ने अब फैमिली आइडी लिक करने के आदेश दिए हैं। साथ ही दाखिलों की तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गई।

loksabha election banner

शुक्रवार को भी निजी स्कूलों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए अभिभावकों को स्कूल से बैरंग लौटा दिया। नियम 134ए के तहत पहले ड्रा में छह खंडों के 361 स्कूलों में 2765 विद्यार्थियों को स्कूल आवंटित हुए लेकिन 31 बच्चों को ही दाखिला मिल पाया है। निजी स्कूलों का सरकार के प्रति बकाया होने के कारण बीते सोमवार से बच्चों को दाखिला न देने की घोषणा की गई है।

----बाक्स------

मनमानी के आगे झुका शिक्षा विभाग

प्रदेश सरकार की ओर से बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए नियम 134ए के तहत कक्षा 2 से 12वीं तक में जरूरतमंदों की पढ़ाई करवाई जाती है। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले इन बच्चों का वार्षिक खर्च सरकार अदा करती है। अधिवक्ता मुकेश कुमार ने बताया कि निजी स्कूल संचालक अपने स्कूलों में इन बच्चों से भेदभाव करते हैं और इस बार फिर दाखिला देने से आनाकानी कर रहे हैं। सरकार के फैसले को चुनौती देने के बावजूद शिक्षा विभाग बैकफुट पर है और विद्यार्थियों पर नियम थोप रहा है।

----बाक्स-----

16 दिसंबर को निकला था ड्रा, भटक रहे अभिभावक

नियम 134ए के तहत परीक्षा के बाद 16 दिसंबर को ड्रा निकला था और जिले के सभी छह खंडों में 2765 विद्यार्थियों को स्कूल आवंटित हुए थे। निजी स्कूल संचालकों ने बैठक कर बच्चों के दाखिले से मना कर दिया और सरकार से बकाया राशि मांगी। जिला शिक्षा अधिकारी कार्रवाई की धमकी देते रहे लेकिन यह कागजों तक सीमित रही। मुख्यालय में मीटिग के बाद शिक्षा विभाग ने किसी कार्रवाई की बजाए बच्चों से फैमिली आइडी की मांग कर दी और 31 दिसंबर तक दाखिले की तिथि बढ़ा दी।

---बाक्स----

कभी खंड तो कभी जिला कार्यालय में पहुंचे अभिभावक

नियम 134ए के तहत एडमिशन के लिए निजी स्कूलों की मनमानी के चलते अभिभावक बेबस नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को भी वे कभी निजी स्कूलों, कभी खंड शिक्षा कार्यालय तो कभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटते दिखे। वहीं मुख्यमंत्री ने उन्हें 26 दिसंबर को बैठक कर हल निकालने का आश्वासन दिया है। अधिकतर अभिभावकों ने पुराने स्कूलों से अपने बच्चों की एसएलसी ले ली लेकिन अब नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन नहीं हो रहा। इससे बच्चों के भविष्य को लेकर चिता सताने लगी है।

----बाक्स----

काम छोडकर काट रहे चक्कर अभिभावक बलराम, हरपाल, सगीता, अमृत ने बताया कि नौकरी से छुट्टी लेकर अपने बच्चों के एडमिशन के लिए कभी स्कूल, कभी खंड कार्यलय, कभी जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय और आज मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पहुंचे हैं। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। अभिभावकों ने बताया कि निजी स्कूल संचालकों ने सीधे तौर पर सरकार के फैसले को चुनौती दी है लेकिन शिक्षा विभाग उन पर नियम थोंप रहा है।

----बाक्स---- अगले सत्र अप्रैल से प्रक्रिया की जाए शुरू सहोदय स्कूल कांप्लेक्स के अध्यक्ष डा. राजन लांबा का कहना है कि उनके संगठन के प्रतिनिधि की विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिग हुई है। उनकी मांग है कि जिस स्कूल में बच्चा वर्तमान में पढ़ाई कर रहा है, उसे 134ए के तहत वही स्कूल आवंटित न किया जाए। कई बच्चों ने गलती से अगली कक्षा में आवेदन किया है। इसलिए प्रक्रिया रोककर अगले सत्र यानी अप्रैल से दाखिला दिया जाए।

----बाक्स--- कमजोर व्यवस्था पर पर्दा डाल रहे अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने बताया कि नियम 134ए के तहत आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों का दाखिला लिया जाना है। कुछ बच्चों की अधिक आमदनी की शिकायतें मिल रही थी, जिसके चलते विभाग ने फेमिली आइडी की मांग की है ताकि परिवार की वार्षिक आमदनी के अनुसार उचित दाखिला हो सके। 31 दिसंबर तक दाखिले की तिथि बढ़ा दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.