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पनौड़ी गांव में पोंड सिस्टम के सुंदरीकरण का काम अटका

गांव के प्रदूषित पानी की निकासी के साथ-साथ थ्री पोंड और फाइव पोंड की योजना अपने उद्देश्य से भटकती नजर आ रही है। पनौड़ी गांव में बनाए गए पोंड सिस्टम के सुंदरीकरण पर काम शुरू नहीं हो पाया है। तालाब की जिन पगडंडियों पर इंटरलॉकिग और पौधे लगाए जाने थे उनका स्थान पर झाड़ियां उगी हुई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि फाइव पोंड के नाम पर ग्रामीणों के साथ राजनीति की गई है। जब पोंड सिस्टम गांव में बनाया गया था तो मालूम हुआ था कि तालाब के चारों तरफ हरियाली होगी। बड़ी-बड़ी घास खड़ी होने के कारण जहरीले जीवों का खतरा बना रहता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:15 AM (IST)
पनौड़ी गांव में पोंड सिस्टम के सुंदरीकरण का काम अटका
पनौड़ी गांव में पोंड सिस्टम के सुंदरीकरण का काम अटका

संवाद सहयोगी, घरौंडा : गांव के प्रदूषित पानी की निकासी के साथ-साथ थ्री पोंड और फाइव पोंड की योजना अपने उद्देश्य से भटकती नजर आ रही है। पनौड़ी गांव में बनाए गए पोंड सिस्टम के सुंदरीकरण पर काम शुरू नहीं हो पाया है। तालाब की जिन पगडंडियों पर इंटरलॉकिग और पौधे लगाए जाने थे उनका स्थान पर झाड़ियां उगी हुई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि फाइव पोंड के नाम पर ग्रामीणों के साथ राजनीति की गई है। जब पोंड सिस्टम गांव में बनाया गया था तो मालूम हुआ था कि तालाब के चारों तरफ हरियाली होगी। बड़ी-बड़ी घास खड़ी होने के कारण जहरीले जीवों का खतरा बना रहता है।

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सुंदरीकरण के नाम पर खानापूर्ति

ग्रामीण क्षेत्रों में गंदगी से अटे पड़े जोहड़ों और तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए सरकार ने थ्री पोंड और फाइव पोंड सिस्टम योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत फाइव पोंड की पगडंडियों पर इंटरलॉकिग करने, पौधे लगाने व घास लगाने के साथ-साथ लोगों के बैठने के लिए बैंच आदि की व्यवस्था करने के दिशा-निर्देश दिए गए थे, ताकि ग्रामीणों को घूमने-फिरने के लिए एक अच्छा माहौल और स्थान मिल सके। जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर हैं। पनौड़ी गांव में फाइव पोंड तो बनाया गया लेकिन सुंदरीकरण के नाम पर महज कंटीली तारें लगाकर खानापूर्ति कर दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि फाइव पोंड की स्थिति खराब हो चुकी है। सुंदरीकरण के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है। पोंड पर लगभग 20 लाख रुपये खर्च

सरपंच प्रतिनिधि मनिंद्र सिंह ने बताया कि फाइव पोंड पर लगभग 20 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसका निर्माण कार्य भी एक्सईएन प्लान के तहत हुआ है। पोंड तो ठीक है लेकिन सुंदरीकरण आज तक नहीं हुआ है। मामला विधायक हरविद्र कल्याण के संज्ञान में भी लाया गया था। विधायक के निर्देश पर तालाब सुंदरीकरण का काम शुरू हुआ लेकिन महज कंटीली तार लगाकर खानापूर्ति कर दी गई। वहीं, तालाब के सुंदरीकरण को लेकर बात ठेकेदार ने बताया कि उनके पास सिर्फ कंटीली तार लगाने का ही पैसा बचा हुआ है।


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