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पिछली बार से दस फीसद कम रहा मतदान

जागरण संवाददाता करनाल निगम का आम चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। 20 वार्डो के 224 बूथों प

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 02:21 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 02:21 AM (IST)
पिछली बार से दस फीसद कम रहा मतदान
पिछली बार से दस फीसद कम रहा मतदान

जागरण संवाददाता करनाल

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निगम का आम चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। 20 वार्डो के 224 बूथों पर 61.8 प्रतिशत मतदाताओं ने मत का प्रयोग किया। यह आंकड़ा पिछले चुनाव से दस फीसदी कम है। वार्ड नंबर 20 के राजकीय प्राइमरी स्कूल धौलगढ़ के बूथ पर सर्वाधिक 91.59 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां 773 मतों में से 708 की पो¨लग हुई। वार्ड-11 प्रणामी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मतदान केंद्र पर सबसे कम 32.46 प्रतिशत मतदान हुआ, यहां 1140 मतों मे से 370 की पो¨लग हुई। रविवार को सुबह सात बजकर 30 मिनट से ही मतदान शुरू हुआ जो कि शाम साढ़े छह बजे तक चला। मतदान का समय हालांकि साढ़े चार बजे था, लेकिन इस समय तक मतदाताओं की लंबी लाइन को देखते हुए उनसे भी मतदान करवाने का निर्णय लिया गया। मेयर के पद के लिए आठ महिला उम्मीदवारों ने भाग लिया। 20 वार्डो में पार्षद के लिए 95 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसमें 35 महिलाएं और 60 पुरुष शामिल थे। दोपहर तीन बजे तक यूं चला मतदान का सिलसिला

टाइम मतदान प्रतिशत में

9.30 11.0

11.40 25.2

3.09 44.9 चार बजे के बाद यूं पकड़ी मतदान ने रफ्तार

4.00 52.2

4.40 54.4

5.10 56.7

5.20 58.2

5.30 59.6

6.00 60.9

6.30 61.4

7.30 61.8 दस प्रतिशत मतदान कम : किसका खेल बिगाड़ेगा?

मतदान कम क्यों हुआ। इससे किसे लाभ होगा किसे नुकसान। इस पर जानकारों की अलग अलग राय है। हरियाणा की राजनीति पर शोध कर चुके डाक्टर कृष्ण ¨सह ने कहा कि आम तौर पर यहीं माना जाता है कि इसका लाभ सत्ताधारी दल को जाता है। क्योंकि इससे यह आंकलन निकलता है कि सत्ता विरोधी लहर जैसा कुछ नहीं है। यहीं वजह है कि लोग मतदान के लिए आते ही नहीं। लेकिन राजनीति शास्त्र में पीएचडी कर चुके डॉ. सतपाल शर्मा ने बताया कि ऐसा हर बार नहीं होता। इसकी एक वजह यह भी होती है कि सत्ता समर्थक मतदाता निराश है, वह इसलिए घर से बाहर नहीं आते क्योंकि उन्हें दूसरे को मत देना नहीं होता। जबकि प्रतिद्वंद्वी के मतदाता मतदान के लिए आते हैं। कम मतदान की यह भी एक वजह कभी कभी नजर आती है। तो निगम में कम मतदान के मायने क्या

करनाल में कम मतदान को बीजेपी समर्थिक उम्मीदवार के पक्ष की ओर जाता माना जा रहा है। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि यदि मतदाता का प्रतिशत 65 प्रतिशत से ज्यादा रहता तो इसका लाभ दूसरे नंबर के उम्मीदवार को मिलता, लेकिन अब ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि यहां मुकाबला आमने-सामने का है। आखिरी समय का मतदान किसके पाले में जा रहा है : माना जा रहा है कि यह भी बीजेपी के पक्ष में गया है। इसकी बड़ी वजह यह है कि इसमें गरीब तबके का वोटर्स ज्यादा है। इस पर बीजेपी उम्मीदवार की अच्छी खासी पकड़ मानी जा रही है। यह मतदाता अंतिम समय में तब निकल कर आया जब प्रतिद्वंद्वी बूथ से की ओर निकल पड़े थे।


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