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स्वजनों को राजनेताओं और अधिकारियों के न पहुंचने का मलाल

संवाद सूत्र कुंजपुरा तीन मासूम खो चुके दादा चरण सिंह के परिवार में एक सप्ताह बाद भी चूल्ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 07:58 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:58 AM (IST)
स्वजनों को राजनेताओं और अधिकारियों के न पहुंचने का मलाल
स्वजनों को राजनेताओं और अधिकारियों के न पहुंचने का मलाल

संवाद सूत्र, कुंजपुरा : तीन मासूम खो चुके दादा चरण सिंह के परिवार में एक सप्ताह बाद भी चूल्हा नहीं जला है। दादा-दादी व मां बेबी दिन-रात बच्चों की पुरानी अठखेलियां को याद कर सिसक रहे हैं। बच्चों की याद में स्वजनों के गले से नीचे खाना तक नहीं जा पा रहा। विडंबना है कि इतनी बड़ी घटना के बाद कोई राजनेता, समाजसेवी अथवा अधिकारी अब तक पीड़ित परिवार की चौखट पर संवेदना व्यक्त करने तक नहीं पहुंचा है। ----बॉक्स---

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मासूमों की तलाश को मुख्यमंत्री से गुहार

बच्चों की तलाश के लिए थाना प्रभारी से लेकर प्रदेश के मुखिया को गुहार लगा चुके हैं कि उनके तीन मासूम बच्चों के कम से कम अंतिम दर्शन कर उनका संस्कार कर सकें। दिन-रात बच्चों की याद में बिलख रहे स्वजनों की आंखों में अब आंसू भी कम पड़ने लगे हैं। बूढ़े दादा चरण सिंह, दादी बलवती व मां बेबी को इस बात का भी मलाल है कि प्रशासन द्वारा अब तक उन्हें आर्थिक मदद का कोई आश्वासन नहीं दिया गया जबकि पानीपत में एक राजनीतिक रसूखदार व्यक्ति द्वारा नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या करने के मामले में परिजनों को आर्थिक मदद व एक सदस्य को सरकारी नौकरी का भरोसा दिया गया है। स्वजनों का यह भी कहना है कि तीन मासूम बच्चों के हत्यारे सुशील कुमार को केवल एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जबकि उसकी आंखों के सामने बच्चों के शव बरामद किए जाने चाहिए। ----बॉक्स-----

आरोपित को सजा के लिए दोबारा जांच की मांग

बच्चों के ताऊ अनिल व मामा घीड़ वासी रामकुमार का कहना है कि इतना बड़ा हादसा हो गया और हत्यारोपित पिता पुलिस कस्टडी में होते हुए कह रहा था कि उसकी पत्नी को मायके न जाने देना। वह जल्द ही रिहा हो कर आ जाएगा। उन्होंने बच्चों के साथ अन्य कोई अनहोनी की आशंका व्यक्त करते हुए दोबारा सीआइए से जांच करवाने की मांग की ताकि मामले की पूरी सच्चाई सबके सामने आ सके। उनका कहना है कि जिस व्यक्ति के कारण बेकसूर तीन मासूम बच्चे नहर में फेंकें गए, ऐसे आरोपित को अभी तक कानून के शिकंजे में नहीं लिया गया। स्वजनों ने जिला प्रशासन व सरकार से गुहार लगाई है कि चलने फिरने में लाचार दादा चरण सिंह और हिम्मत हार चुकी मां बेबी को आर्थिक मदद दी जाए या मां को सरकारी नौकरी दी जाए ताकि परिवार की गुजर बसर हो सके। उन्होंने नहर में पानी कम करवा कर बच्चों को तलाश करवाने की अपील की। तीन बच्चों के हत्यारोपी सुशील कुमार के भतीजे विवेक व अन्य स्वजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने वह ऑडियो रिकॉर्डिंग डिलीट करवा दी जिसमें तीन मासूम बच्चों की हत्या का असल राज छुपा हुआ था। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को निराधार बताया है। पुलिस का कहना है कि उन्हें इस तरह की कोई भी रिकॉर्डिंग की जानकारी नही है। ---बॉक्स---

सातवें दिन भी सर्च अभियान जारी

उधर आज सातवें दिन भी सर्च अभियान जारी रहा लेकिन बच्चों का कोई सुराग नहीं चल सका। स्वजनों ने बताया कि बार-बार फोन करने के बाद भी गोताखोर समय पर नहीं आ रहे। शनिवार शाम के समय 3 वर्षीय देव का शव सिरसी गांव के निकट नहर में एक बार नजर आने के बाद फिर से पानी में समा गया। गोताखोरों के देर से मौके पर पहुंचने के कारण ही शव बरामद नहीं किया जा सका। हालांकि कुंजपुरा थाना प्रभारी मुनीष कुमार के दिन रात तलाशी अभियान को लेकर संतोष जाहिर किया गया। बता दें कि एक सप्ताह पूर्व 23 नवंबर सोमवार को शाम करीब 9:15 बजे गांव नली पार निवासी सुशील कुमार ने अपने तीन बच्चों को सुभरी व कलवेहड़ी के निकट आवर्धन नहर में फेंक दिया था। जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं चल पाया है।


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