फास्टैग के फ्रॉड से बचने के लिए पुलिस ने जारी की गाइडलाइन
जागरण संवाददाता करनाल सभी प्राइवेट व कर्मशियल वाहनों पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है। इ लिए सभी लोग अलग-अलग तरीकों से अपने वाहनों के लिए फास्टैग लगवा रहे हैं। कुछ जालसाज इस स्थित का लाभ उठाते है फास्टैग वॉलेट को सक्रिय करने के लिए
जागरण संवाददाता, करनाल :
सभी प्राइवेट व कॉर्मशियल वाहनों पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बाद से ही लोग अलग फास्टैग लगवा रहे हैं। कुछ जालसाज इस स्थित का लाभ उठाते हैं तो कुछ फास्टैग वॉलेट सक्रिय करने के लिए मदद के नाम पर लोगों से पैसे की धोखाधड़ी कर रहे हैं।
इस बाबत जारी गाइड लाइंस में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जालसाज फास्टैग पंजीकरण के नाम पर फर्जी संदेश भेजकर उनसे ओटीपी लेते हैं। जालसाज विभिन्न बैंकों की तरह अलग-अलग कीमतों पर फास्टैग की कीमतों में छूट का लालच देकर लोगों से पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं। फास्टैग रैपिड फास्टैग चिप्स पर आधारित है। इसके डाटा को आसानी से कॉपी किया जा सकता है। डाटा को कॉपी करने के लिए मार्केट में कई उपकरण मौजूद हैं। यह सावधानियां जरूरी
फास्टैग केवल स्वीकृत एजेंसियों से खरीदें। छूट के नाम पर मिलने वाले प्रलोभन से बचें। शक होने पर व्यक्तिगत व बैंक से संबंधित जानकारी साझा न करें। फास्टैग से संबंधित कठिनाइयों को हल करने के लिए सीधे संबंधित कार्यालय को संपर्क करें या बैंक में जाएं। किसी की मध्यस्ता स्वीकार न करें। स्मार्ट फोन में केवल एनएचएआइ द्वारा प्रमाणित एप्लीकेशन ही डाउनलोड करें। यह इंडियन हाईवे इंजीनियरिग कंपनी कंपनी द्वारा लांच किया गया हो।