Move to Jagran APP

पुलिस के हत्थे चढ़े सहकारी बैंक में चोरी के आरोपित

पिछले साल चिड़ाव मोड़ स्थित द करनाल केंद्रीय सहकारी बैंक शाखा में तिजोरी काटकर 11 लाख रुपये से अधिक की चोरी की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह में शामिल दो चोर पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 06:40 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:40 AM (IST)
पुलिस के हत्थे चढ़े सहकारी बैंक में चोरी के आरोपित
पुलिस के हत्थे चढ़े सहकारी बैंक में चोरी के आरोपित

जागरण संवाददाता, करनाल: पिछले साल चिड़ाव मोड़ स्थित द करनाल केंद्रीय सहकारी बैंक शाखा में तिजोरी काटकर 11 लाख रुपये से अधिक की चोरी की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह में शामिल दो चोर पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। जबकि, एक चोर अभी फरार है। पकड़े गए दोनों आरोपितों की घरौंडा के सहकारी बैंक सहित इसी प्रकार की कुछ अन्य वारदातों में संलिप्तता की बात भी सामने आई है। इनसे 1.20 लाख रुपये की नगदी बरामद की गई है। पुलिस ने फिलहाल दोनों आरोपितों को अदालत में पेश करके रिमांड अवधि पर लिया है।

loksabha election banner

पिछले साल 30 जून को यह घटनाक्रम पेश आया था। तब चिड़ाव मोड़ स्थित द करनाल केंद्रीय सहकारी बैंक शाखा की तिजोरी काट चोर 11 लाख 32 हजार 803 रुपये ले गए थे। चोर सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर भी ले गए थे। पुलिस और एफएसएल टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए थे। मामले की जांच में जुटी पुलिस को आखिर अब जाकर आरोपित चोरों को पकड़ने में सफलता मिली है। हाल में उन्हें अदालत में पेश करके रिमांड पर लिया गया। सीआईए-वन टीम के जयपाल सिंह ने बताया कि दोनों चोर अंकित व अमित जींद के सफीदों के रहने वाले हैं। उन्होंने अभी तक की पूछताछ में पिछले दो साल में कई मौकों पर बैंकों में चोरियों की बात कुबूली है। इनमें करनाल के सहकारी बैंक की चोरी के अलावा सफीदों सहकारी बैंक से 14 लाख रुपये की चोरी, करनाल के ही घरौंडा के उत्कर्ष बैंक से 32 हजार रुपये की चोरी और गोहाना के सहारा बैंक से एक लाख रुपये की चोरी की घटनाएं प्रमुख हैं। एक अन्य चोर फरार है, जिसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं। ग्रिल मशीन रखते थे साथ

यह चोर गिरोह इतना शातिर है कि एक तरफ जहां मुख्यत: उसके निशाने पर हमेशा ग्रामीण बैंक शाखाएं रहतीं तो वहीं, वारदात को अंजाम देने से पहले गिरोह के सदस्य अच्छी तरह रेकी करना भी नहीं भूलते थे। बेहद बारीकी के साथ पड़ताल कर ली जाती कि निशाने पर आई शाखा में कहां-कहां जाने-अंजाने हुई लापरवाही का फायदा चोरी करने में उठाया जा सकता है। मसलन, करनाल में चिराऊ रोड स्थित सहकारी बैंक में चोरी से पहले आरोपितों को बखूबी मालूम था कि यहां तिजोरी एल्मुनियिम और शीशे के दरवाजे के पीछे रखी है, जिसे कोई भी आसानी से देख सकता था। ऐसी तमाम जानकारियों का लाभ उठाकर ही उन्होंने वारदात को अंजाम दिया। चोर वारदात के समय बाकायदा ग्रिल मशीन और ग्राइंडर भी साथ रखते थे ताकि तिजोरी या अन्य उपकरण आसानी से काटे जा सकें। 50 पैसे भी नहीं छोड़े थे चोरों ने

इस वारदात में चोर बैंक शाखा से 50 पैसे का सिक्का तक ले गए थे। तिजोरी में तब 11 लाख 32 हजार 803 रुपये और 50 पैसे रखे हुए थे। 12 लाख रुपये तक बैंक में जमा होने के बाद यह राशि मुख्यालय में जमा करानी थी, लेकिन निर्धारित राशि से कम नकदी की वजह से तिजोरी में ही रखा गया था। चोरों ने मोटी रकम के साथ रखा 50 पैसे का सिक्का भी नहीं छोड़ा था। बैंक शाखा में तब हद दर्जे की लापरवाही की बात भी सामने आई थी। दरअसल, गत वर्ष चोरी होने से ठीक 13 दिन पहले भी बैंक में चोरी का प्रयास किया गया था। तब चोर बैंक के अंदर दाखिल हो गए थे लेकिन तिजोरी नहीं तोड़ पाए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.