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चौरा गांव में पीएचसी का निर्माण सवालों के घेरे में, काम अटका, लागत हो चुकी दोगुना

चौरा गांव में चल रहा पीएचसी का निर्माण कार्य सवालों के घेरे में है। बिल्डिंग की लागत बढ़कर डबल हो चुकी है बावजूद इसके स्वास्थ्य केंद्र का काम पूरा नहीं हुआ। तीन वषरें से निर्माण अटक-अटक कर चल रहा है। वही काम पूरा होने से पहले ही भवन की दीवारों और पिलर्स में दरारें आ गई हैं। बिल्डिंग की गुणवत्ता के बारे में की गई शिकायत भी मुकाम तक नही पहुंची। शिकायत में बिल्डिंग की नींव में भारी अनियमिताएं होने के आरोप लगाए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 05:07 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 05:07 AM (IST)
चौरा गांव में पीएचसी का निर्माण सवालों के घेरे में, काम अटका, लागत हो चुकी दोगुना
चौरा गांव में पीएचसी का निर्माण सवालों के घेरे में, काम अटका, लागत हो चुकी दोगुना

संवाद सहयोगी, घरौंडा : चौरा गांव में चल रहा पीएचसी का निर्माण कार्य सवालों के घेरे में है। बिल्डिंग की लागत बढ़कर डबल हो चुकी है बावजूद इसके स्वास्थ्य केंद्र का काम पूरा नहीं हुआ। तीन वषरें से निर्माण अटक-अटक कर चल रहा है। वही काम पूरा होने से पहले ही भवन की दीवारों और पिलर्स में दरारें आ गई हैं। बिल्डिंग की गुणवत्ता के बारे में की गई शिकायत भी मुकाम तक नही पहुंची। शिकायत में बिल्डिंग की नींव में भारी अनियमिताएं होने के आरोप लगाए गए थे। अप्रैल 2018 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की नई बिल्डिग का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तीन करोड़ साठ लाख लागत से बनने वाली इस पीएचसी का काम जुलाई 2019 तक पूरा होना था। पीएचसी के लिए चिन्हित की गई जमीन जोहड़ से सटी होने की वजह से अनुमानित लागत बढ़ा दी गई । सितम्बर 2020 में आये नए अप्रूवल में लागत लगभग डबल होकर 6 करोड़ 61 लाख पर पहुंच गई है। इसके बावजूद बिल्डिंग की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।

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आरोप है कि बिल्डिंग का निर्माण विभागीय ड्राइंग के मुताबिक नहीं किया गया। जोहड़ से सटा होने की वजह से पीएचसी की नींव आरसीसी से बनाई जानी थी जबकि ऐसा नहीं किया गया। चार दिवारी की नींव में आरसीसी के स्थान पर सीमेंट ब्लाक प्रयोग हुए है। पीएचसी के निर्माण में हुई धांधली के बारे में साईट के लेबर ठेकेदार ने सरकार व अधिकारियों को शिकायत भी की थी। हालांकि इस शिकायत की जांच किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। वर्जन पीएचसी का निर्माण जोहड़ की जमीन में हुआ है। रिवाइज अप्रूवल आने में देरी हुई जिस वजह काम अटका। बिल्डिंग की नींव आरसीसी की बनी हुई है। बाउंड्री वाल में ब्लाक लगे हैं। जो दरारें दिखाई दे रही है, वे ब्रिक्स वर्क में हैं। ड्राइंग और क्वालिटी के बारे में डीसी को शिकायत की गई थी। जांच कमेटी क्लीन चिट दे चुकी है। शशांक गर्ग, मालिक, गर्ग ट्रेडिग कम्पनी वर्जन पीएचसी के लिए स्टेंडर्ड अप्रूवल 360 लाख रुपये की आई थी। जोहड़ में बाउंड्री वाल होने की वजह से रिवाइज अप्रूवल ली गई थी। अप्रूवल में देरी के कारण काम रुका रहा उसके बाद लेबर की कमी से काम बंद हुआ। गुणवत्ता के बारे में शिकायत करने वाला व्यक्ति जांच में शामिल नही हुआ।

नरेंद्र मलिक, जेई पीडब्ल्यूडी


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