नागरिक अस्पताल की ओपीडी में बेहाल होते मरीज
कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू को लेकर नागरिक अस्पताल प्रबंधन गंभीर नहीं है। परिसर में मरीजों को जागरूक नहीं किया जा रहा है और न ही जागरूकता साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू को लेकर नागरिक अस्पताल प्रबंधन गंभीर नहीं है। परिसर में मरीजों को जागरूक नहीं किया जा रहा है और न ही जागरूकता साइन बोर्ड लगाए गए हैं। अव्यवस्था के माहौल में विभाग के कर्मचारी मरीजों को बेहतर सुविधाएं नहीं दे पा रहे हैं। ओपीडी मरीजों के लिए व्हील चेयर और स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं कराया गया है। अधिक समय बीतने के बाद मरीज को टेस्ट कराने के लिए अगले दिन दोबारा अस्पताल में आना पड़ रहा है। स्वास्थ्य प्रबंधन की इस तरह की लापरवाही मरीजों पर भारी पड़ सकती है और संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना है।
प्रबंधन की तरफ से नहीं मदद
समय : सुबह 11.43 बजे
रजिस्ट्रेशन के लिए मरीज और उनके स्वजन लाइन में लगे हुए हैं, जबकि विभाग की ओर से बुजुर्गो के लिए कर्मचारी तैनात नहीं किया गया है। बुजुर्ग राजरानी ने बताया कि पर्ची बनवाने के बाद अब 17 नंबर कमरे की तलाश कर रही हूं। तीन-चार लोगों से पूछा है, लेकिन अभी तक कमरे की जानकारी किसी ने नहीं दी और प्रबंधन की तरफ से कोई मदद नहीं की जा रही है।
नहीं सुनते डॉक्टर
समय 11.52 बजे
मरीज लाइन तोड़ने पर एक-दूसरे से उलझ रहे हैं। परिसर में अव्यवस्था के चलते रायपुर निवासी कमलेश अपनी बेटी को दूसरी मंजिल से गोद में उठा कर नीचे आ रहीं थी। उन्होंने बताया कि बेटी के शरीर का एक हिस्सा सुन्न हो गया है। पर्ची बनवाने के बाद से अभी तक न तो स्ट्रैचर मिला है और नहीं व्हील चेयर। चिकित्सकों के पास बात की तो सही से जवाब नहीं दे रहे हैं, जबकि बेटी की तबीयत बिगड़ती जा रही है।
सही नहीं किया आंख का ऑपरेशन
समय 12.10 बजे
शिव कॉलोनी निवासी कमला ने बताया कि कुछ समय पहले आंख का ऑपरेशन कराया था, लेकिन सफल नहीं हो पाया है। सरकारी डॉक्टरों ने बाद में निजी अस्पताल में जाने की सलाह दी, जहां 2600 रुपये लगाकर आंख ठीक कराई है। चश्मा लगाने के बाद भी अभी तक ठीक नहीं दिख पा रहा है। परिसर में कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू को लेकर जागरूक नहीं किया जा रहा है।