गरीब लोगों की सहायता की आड़ ले रहे फर्जी समाज सेवक, उड़ा रहे लॉकडाउन की धज्जियां
लॉकडाउन के चलते गरीब लोगों की सहायता के लिए जहां अनेकों समाजिक संगठनों व अन्य लोगों ने अपने हाथ आगे बढ़ाए है और हर भूखे व्यक्ति तक खाने से लेकर दवा तक पहुंचाई जा रही है। वहीं इनकी आड़ में अब फर्जी समाजसेवक भी सड़कों पर उतरने लगे है जो नाकों व गश्त कर रही पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : लॉकडाउन के चलते गरीब लोगों की सहायता के लिए जहां अनेक समाजिक संगठनों व अन्य लोगों ने अपने हाथ आगे बढ़ाए है और हर भूखे व्यक्ति तक खाने से लेकर दवा तक पहुंचाई जा रही है। वहीं इनकी आड़ में अब फर्जी समाजसेवक भी सड़कों पर उतरने लगे है, जो नाकों व गश्त कर रही पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। कोई फर्जी समाज सेवक डीसी से तो कोई एसपी से अनुमति का दावा कर रहा है, लेकिन मांगे जाने पर भी अनुमति पत्र नहीं दिखा पा रहे है।
22 मार्च को जनता कर्फ्यू व इसके बाद लॉकडाउन के चलते जहां कामकाज पूरी तरह से ठप हो चुके हैं वहीं बड़ी संख्या में उद्योग धंधों व अन्य जगहों पर कार्यरत कामगारों के समक्ष भूखा मरने की नौबत भी आने लगी थी। इसी के चलते पिछले चार दिनों से बड़ी संख्या में प्रवासी लोग अपने काम के ठिकाने छोड़ घरों के लिए रवाना होने लगे हैं। यातायात व्यवस्था बंद होने के चलते वे पैदल ही हजारों मील का सफर करने के लिए सड़कों पर उतरने लगे तो इसी बीच उनके साथ-साथ शहरों में रहने वाले गरीब लोगों के भूखे रहने की भी सूचनाएं आने लगी।
प्रदेश सरकार व प्रशासन की अपील पर दर्जन भर समाजसेवी संस्थाएं इन लोगों के सहयोग के लिए आगे आई। हालांकि ये समाजसेवी लोग हर ऐसे जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे हैं और उनकी खाने से लेकर दूसरी जरूरतें भी पूरी की, लेकिन इनकी आड़ में ही अब अनेकों लोग फर्जी समाजसेवक बनकर भी सड़कों पर घूमने लगे हैं। हालांकि समाज सेवा के लिए लगी संस्थाओं व अन्य लोगों के लिए प्रशासन की ओर से पास जारी किए जा रहे हैं, लेकिन फर्जी समाज सेवक बने लोग डीसी, एसपी से लेकर दूसरे अधिकारियों से बिना पत्र ही अनुमति का दावा कर पुलिस कार्रवाई से बच रहे हैं। ऐसे में लॉकडाउन का जमकर उल्लंघन होने लगा है तो सड़कों पर भी ऐसे लोगों व वाहनों की संख्या बढ़ने लगी है। गंभीरता से नहीं ले रहे लोग, भुगतना पड़ सकता है खामियाजा
एसपी एसएस भौरिया ने कहा कि लोगों को आधिकारिक तरीके से ही इस कार्य में आगे आना चाहिए। इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से उचित व्यवस्थापन भी किया गया है। लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी है और वे इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। बिना जरूरत भी अनेक लोग सड़कों पर आने की कोशिश करते हैं। हालांकि पुलिस उन्हें न आने के लिए अपील के साथ-साथ कुछ कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन जो लोग समाजसेवा की आड़ ले रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी।