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नहीं मिली दूधिया रोशनी, न निगम रहा खरीद, न स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लग रहीं

अश्विनी शर्मा करनाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एलइडी स्ट्रीट लाइट पर जिला प्रशासन की कवायद ढाक के तीन पात के ही चल रही है। अब तक इस योजना पर ब्रेक ही लगा हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 09:00 PM (IST)
नहीं मिली दूधिया रोशनी, न निगम रहा खरीद, न स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लग रहीं
नहीं मिली दूधिया रोशनी, न निगम रहा खरीद, न स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लग रहीं

अश्विनी शर्मा, करनाल: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एलइडी स्ट्रीट लाइट से पूरे शहर को दूधिया रोशनी में नहला देने का सपना दिखाया गया था। दो साल से भी ज्यादा समय पहले लोगों को लगा कि वह खराब स्ट्रीट लाइट व अंधेरी गलियों की समस्या पुरानी हो जाएगी। लेकिन दूधिया रोशनी के इस ख्वाब पर अभी तक ग्रहण ही लगा हुआ है। बड़ी समस्या यह है कि नगर निगम के पास स्थानीय शहरी निकाय विभाग का पत्र है कि वह अपनी तरफ से कोई भी लाइट खरीद नहीं सकता और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की स्ट्रीट लाइट का करीब 25 करोड़ रुपये का टेंडर खामियों के जाल में उलझा है। फाइल चंडीगढ़ में है। अभी तक यह भी किसी को स्पष्ट नहीं आखिर यह टेंडर कब तक होगा? खैर अभी स्ट्रीट लाइट के तोहफे का इंतजार करना पड़ेगा।

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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में करीब 24 हजार स्ट्रीट लाइट लगाने की बात दो साल से भी ज्यादा समय पहले सामने आई थी। पार्षदों को भी उम्मीद हो गई थी कि उनके वार्ड में हमेशा के लिए यह समस्या समाप्त हो जाएगी। क्योंकि हाउस की बैठक में भी खराब स्ट्रीट लाइट को लेकर पार्षद हंगामा करते आए हैं। तब भी उन्हें यही कहा जाता रहा है कि एलइडी लाइट हर वार्ड में लगेगी। लेकिन शहर के वार्ड नंबर 15 को छोड़कर आज तक किसी भी वार्ड में एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लग पाई है। पार्षदों ने बड़ी उम्मीदों के साथ अपने अपने वार्ड में उन इलाकों को चिन्हित भी कर लिया था, जहां वह प्राथमिकता के आधार पर यह लाइट लगवाएंगे। लेकिन अब लोगों के सवालों का जवाब भी उनसे नहीं दिया जा रहा है। इस बीच में खराब स्ट्रीट लाइट को जरूर निगम की ओर से ठीक करवाया गया, लेकिन स्थानीय शहरी निकाय विभाग का पत्र निगम के पास पहुंच गया था कि वह खजाने से एक भी नई लाइट नहीं खरीदेगा। क्योंकि निकाय को भी यही उम्मीद थी कि स्मार्ट सिटी के तहत जब लाइट लगाई ही जा रही हैं तो फिर निगम इस पर अपना बजट खर्च नहीं करे।

वार्ड नंबर दो के पार्षद बलविद्र सिंह का कहना है कि जनता को इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि लाइट कौन लगाएगा। वह तो संबंधित पार्षद से ही स्ट्रीट लाइट को लेकर जवाब-तलबी करते हैं। उनकी मांग है कि एलइडी स्ट्रीट लाइट जल्द लगवाई जाए। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के हाथ टेंडर: मेयर

मेयर रेणु बाला गुप्ता ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के हाथ में ही एलइडी लाइट का टेंडर है। उन्हें इतना पता है कि टेंडर में खामियां होने की वजह से यह पास नहीं हो सकता है। दूसरी ओर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के पत्र अनुसार निगम अपनी लाइट खरीद नहीं सकता। अलबत्ता वह जनता की समस्या को ध्यान में रखकर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से बातचीत कर समाधान करवाने का प्रयास करेंगी। एलइडी लगाने का रि-टेंडर होगा-रमेश मंढान

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के जीएम रमेश चंद मंढान का कहना है कि यह फाइल चंडीगढ़ गई हुई है। पहले टेंडर नहीं हो पाया था और अब यह रि-टेंडर होगा। अभी इसमें कितना समय लगेगा, इस बारे में वह नहीं बता सकते।


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