हत्या के मामले में पानीपत जेल पहुंचे नवाब ने कैदी की सलाह पर जमानत पर छूटते ही शुरू कर दिया अवैध हथियारों का कारोबार
सीआइए टीम की ओर से अवैध हथियारों के साथ काबू किया गया पश्चिमी
जागरण संवाददाता, करनाल : सीआइए टीम की ओर से अवैध हथियारों के साथ काबू किया गया पश्चिमी बंगाल के जिला किशनगंज के गांव कदमगाछी वासी नवाब उर्फ बंगाली पानीपत में एक हत्याकांड के चलते जेल काट चुका है। फिलहाल वह जमानत पर है और जेल से बाहर आते ही कम समय में ही अधिक पैसा कमाने के लिए यह अवैध हथियारों की सप्लाई करने लगा। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपित ने माना कि वह जब पानीपत जेल में हत्याकांड के मामले में बंद था तो वहां उसकी मुलाकात उत्तरप्रदेश के कैराना वासी आरीफ नामक एक युवक से हुई, जो किसी मामले में जेल में बंद था। उसने उसे बताया कि वह अवैध हथियारों की सप्लाई कर कुछ ही समय में बड़े स्तर पर पैसा कमा सकता है। उसने उसे मध्यप्रदेश वासी एक मुख्य सप्लायर का नाम भी बताया। वह जेल से जमानत पर छूटते ही मध्यप्रदेश के इंदोर में उक्त सप्लायर के पास पहुंच गया, जो आगे मध्यप्रदेश के ही किसी गिरोह से ये अवैध हथियार लाता था। कुछ दिन उसने उससे हथियार लिए और जब पैसा मिलने लगा तो उसने उससे भी बड़े सप्लायर से संबंध बना लिए और वहां से हथियार लाकर हरियाणा व उत्तरप्रदेश में सप्लाई करने लगा।
10 हजार की पिस्तौल 50 हजार रुपये तक बेचता
आरोपित नवाब ने माना कि वह मुख्य सप्लायर से अवैध पिस्तौल 10 हजार रुपये के हिसाब से खरीद करता था और इन्हें हरियाणा व पंजाब में 50 हजार रुपये तक कीमत पर बेच देता था। उसे मोटा मुनाफा मिलने लगा और वह लालच में इस अवैध कारोबार के जाल में फंसता गया।
मेड इन यूएसए पिस्तौल भी आरोपित से बरामद
आरोपित से बरामद की गई 32 बोर की एक पिस्तौल पर यूएसए लिखा हुआ है जबकि 9 एमएम की दूसरी पिस्तौल पर 32 बोर की एक रिवाल्वर पर जापान लिखा हुआ मिला है। ऐसे में अवैध हथियारों की सप्लाई विदेशों से भी जोड़कर देखी जा रही है। पुलिस हर पहलू से आरोपित से पूछताछ कर रही है तो वहीं संभावित ठिकानों पर भी छापेमारी के लिए सीआइए व घरौंडा पुलिस की टीमें रवाना हो गई। बताया जा रहा है कि एक टीम ने पानीपत सेक्टर 25 में भी छापेमारी की है, जहां वह किराए पर रहता है।
आठ दिन की रिमांड पर आरोपित : एसपी
एसपी गंगा राम पूनिया का कहना है कि आरोपित नवाब को आठ दिन की रिमांड पर लिया गया है। जिस दौरान सीआइए टीम न केवल उसके मार्फत मुख्य सप्लायर तक पहुंचेगी बल्कि यह भी पता लगाया जाएगा कि अब तक वह किस-किस क्षेत्र में कितने लोगों को अवैध हथियार बेच चुका है। इस अवैध कारोबार में आरोपित के साथ अन्य साथी भी शामिल होने की आशंका है। रिमांड के दौरान हर पहलू से पूछताछ व मामले की जांच की जाएगी।