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बंदरों को पकड़ने की एक साल से योजना बना रहा नगर निगम, शहरवासी हो रहे जख्मी

1210 करोड़ रुपये से स्मार्ट होने की तैयारी करने वाले शहर में बंदरों व अवारा कुत्तों का आतंक है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 08:43 AM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 06:36 AM (IST)
बंदरों को पकड़ने की एक साल से योजना बना रहा नगर निगम, शहरवासी हो रहे जख्मी
बंदरों को पकड़ने की एक साल से योजना बना रहा नगर निगम, शहरवासी हो रहे जख्मी

जागरण संवाददाता, करनाल : 1210 करोड़ रुपये से स्मार्ट होने की तैयारी करने वाले शहर में बंदरों व अवारा कुत्तों का आतंक है और नगर निगम कोई योजना तैयार नहीं कर रहा है। एक साल पहले मथुरा से आई मंकी कैचर टीम ने बंदरों को काबू किया था, जबकि समस्या ज्यों की त्यों बनी है। पार्षद से लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक बंदरों व अवारा कुत्तों से निजात के लिए अपील शहरवासी अपील कर चुके हैं। दूसरे प्लान में बनने मेयर बनने पर रेणूबाला गुप्ता से लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक कोई हल निकला है। अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है, जोकि चोटिल हो रहे हैं। कुछ दिन पहले रामनगर में बंदरों ने व्यक्ति को काट दिया था और अब सेक्टर-आठ पार्ट-2 के लोग बंदरों से डरे हुए हैं। ---बॉक्स----

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सेक्टर-8 में बच्चों पर झपटते हैं बंदर

सेक्टर-8 के पार्ट-2 निवासी हरबीर सिंह, बीके शर्मा ने बताया कि बंदरों के आंतक से मुहल्ले में रहना मुश्किल हो गया है। रोजना 6-7 बंदरों के झुंड घरों में धावा बोल देते हैं। छतों पर पड़े कपड़े फाड़ डालते हैं। घर के बाहर व पार्क में खेल रहे बच्चों के हाथ से बंदर सामान झपट लेते हैं और काटने का भी डर बना रहता है। रामकरण ने बताया कि बंदरों ने उनकी टंकियों की पाइप काट दी। पानी की टंकी को खोलकर नहाते हैं जिससे सारा पानी गंदा हो जाता है व बीमार होने का खतरा बना रहता है। शोभा शर्मा ने बताया कि शहर में आवारा कुत्ते की भरमार है। रात में बाजार से सामान खरीद कर लौट रहे थे तो उन पर कुत्ते झपट पड़े। राहगीरों की मदद से सुरक्षित हो सके। इस संबंध में मेयर रेणूबाला गुप्ता, नगर निगम कमिश्नर, पार्षद को शिकायत दे चुके हैं। ---बॉक्स---

अस्पताल में पहुंच रहे 20 मरीज

लाइन क्षेत्र, प्रेम नगर, रामनगर, जुंडला गेट, कर्ण गेट, सेक्टर-5, 6 और 8 में बंदरों से स्मार्ट शहर के लोग तंग आ चुके हैं। कल्पना चावला मेडिकल कालेज और नागरिक अस्पताल में बंदर व कुत्ते के काटने 20 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सीएमओ रमेश कुमार ने बताया कि बंदरों व कुत्तों के काटने के कारण एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। औसतम शहर में 20 से 25 केस रोजाना के हैं। शहर में पिछले एक साल से बंदरों की समस्या अधिक बनी हुई है। गर्मी के मौसम में इस तरह के तरह के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। ---बॉक्स----

रामनगर में बाइक चालकों पर झपटते हैं कुत्ते

लाइनपार क्षेत्र रामनगर व प्रेम नगर में रात के समय बाइक चालकों के पीछे कुत्ते दौड़ पड़ते हैं, जिससे संतुलन खोने पर बाइक सवार चोटिल भी हो जाते हैं। कई बाइक सवारों को कुत्तों के दांत तक लग चुके हैं। इसके अलावा, बंदरों का उत्पात भी बढ़ता जा रहा है। कई उत्पाती बंदर तो घर के आंगन व छत्त पर खड़े लोगों पर झपटने से बाज नहीं आते हैं और विरोध करने पर काट लेते हैं। चार दिन पहले भी रामनगर में बंदरों ने एक व्यक्ति को घायल कर दिया था। शहर की सरकार अभी तक राजनीति में व्यस्त हैं। क्षेत्रवासी विजय कुमार ने बताया कि जनता के प्रतिनिधि मेयर व पार्षदों को समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसी के चलते निगम अधिकारी भी लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं। ---बॉक्स---

पार्षद बोले जल्द निकालेंगे समाधान

पार्षद ईश गुलाटी ने बताया कि सप्ताह में हाउस की बैठक होने के आसार हैं और आवारा कुत्तों और बंदरों की समस्या को मजबूती से उठाया जाएगा। पार्षद रजनी परोचा ने बताया कि क्षेत्र लोग बंदरों व आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर काफी शिकायतें कर रहे हैं और इस संबंध में मेयर रेणूबाला गुप्ता को भी अवगत कराया है। पार्षद नवीन और मोनिका गर्ग ने बताया कि एक माह के भीतर दाहा में डॉग शेल्टर बन कर तैयार हो जाएगा, जिससे शहर में आवारा कुत्तों की समस्या खत्म हो जाएगी। निगम कमिश्नर को बंदरों की समस्या बारे लिख कर दिया है, जल्द टेंडर होने के आसार हैं। ---वर्जन---

डॉग शेल्टर में भेजे जाएंगे आवारा कुत्ते

बंदरों व कुत्तों की समस्या शहर में किसी से नहीं छिपी है। इस पर काफी समय से काम किया जा रहा है। पिछले साल भी बंदरों को पकड़ने वाली टीम बुलाई गई थी। नियमों में बदलाव होने के कारण वन विभाग अधिकारियों से तालमेल बनाया जाएगा और निगम कमिश्नर को भी लोगों की समस्या के बारे में जानकारी दी गई है। शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ कर कहीं छोड़ने के लिए जगह चाहिए थी, जिसके लिए दाहा में डॉग शेल्टर बनकर तैयार है।

रेणूबाला गुप्ता, मेयर


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