275 करोड़ का मुगल कैनाल फेज टू और थ्री प्रोजेक्ट खटाई में
स्मार्ट सिटी के मल्टी लेयर पार्किंग के बाद मुगल कैनाल फेज टू और थ्री का प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ सकता है।
प्रदीप शर्मा, करनाल
स्मार्ट सिटी के मल्टी लेयर पार्किंग के बाद मुगल कैनाल फेज टू और थ्री का प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस प्रोजेक्ट का रिव्यू करने के निर्देश दिए हैं। सीएम के साथ प्रधान सचिव उमा शंकर की हुई बैठक में प्रोजेक्ट का रिव्यू कर फिर से रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश दिए गए हैं। स्मार्ट सिटी की आस को लेकर बैठे शहरवासियों के लिए यह दूसरा बड़ा झटका हो सकता है। प्रोजेक्ट रिव्यू करने के पीछे कारण क्या हैं, यह तो अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन निगम का मानना है कि प्रोजेक्ट की लागत दो सौ करोड़ से अधिक होने के कारण यह फैसला लिया गया है। प्रोजेक्ट की लागत कैसे कम की जाए, इसे लेकर प्रोजेक्ट पर मंथन करना जरूरी हो गया। रिव्यू का यह फैसला उस समय हुआ है जब यह अंतिम चरण में था। मुगल कैनाल फेज-दो व तीन को विकसित करने के लिए टेंडर तक आमंत्रित किए जा चुके थे। अब ऐसे में रिव्यू होता है, तो करीब पांच साल की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। नए सिरे से अधिकारियों की वर्किंग शुरू होगी। सबसे अहम सवाल : करीब पांच साल बाद रिव्यू की क्यों जरूरत पड़ी?
मुगल कैनाल फेज टू और थ्री पर काम दिसंबर, 2014 में शुरू हो गया था। बेसिक वर्किंग के बाद 24 अप्रैल, 2015 को वास्तुमंडला कंपनी को वर्क अलॉट कर दिया गया। तब से लेकर अब तक पांच साल बीत गए, लेकिन अधिकारियों की फाइलें कानूनी दांव-पेंच के बीच ही उलझकर रह गई। अहम सवाल यह है कि आखिर प्रोजेक्ट को रिव्यू किया जाना था तो पांच साल का समय क्यों लिया गया। क्या अधिकारियों ने मुख्यालय को किसी मुख्य विषय को लेकर अंधेरे में रखा था? अगर ऐसा नहीं है तो पांच साल से जो शहरवासी स्मार्ट प्रोजेक्ट की आस लिए बैठे थे उनकी भावनाओं से खिलवाड़ क्यों किया गया।
मामला हाई कोर्ट में सुनवाई 24 जनवरी को
इस अहम प्रोजेक्ट को लेकर शुरूआत में वास्तुमंडला कंपनी को वर्क अलॉट किया गया था। लेकिन बाद में इस प्रोजेक्ट का काम वापस ले लिया। कई अहम तथ्यों को आधार बनाकर कंपनी हाई कोर्ट में चली गई। जिसकी सुनवाई 24 जनवरी को होनी है। अब जनता को आंशका है कि कहीं मल्टी लेयर पार्किंग की तरह मुगल कैनाल फेज टू व थ्री का प्रोजेक्ट भी ड्रॉप न हो जाए।
मुगल कैनाल फेज दो और तीन शहर का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
नगर निगम की ओर से वर्तमान में जितने भी प्रोजेक्ट लाइन में थे, उनमें मुगल कैनाल फेज दो और तीन का प्रोजेक्ट सबसे बड़ा और अहम है। 275 करोड़ से बनने वाले इस प्रोजेक्ट पर पूरे शहर की नजर थी कि यह कब बनकर तैयार होगा। इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द सिरे चढ़ाने के लिए सीएम ने भी हस्तक्षेप किया था, चूंकि अब मामला हाई कोर्ट में चल रहा है, अब नए सिरे से इस पर मंथन शुरू हो चुका है।
क्या खासियत है प्रोजेक्ट की
-मार्केट की सड़कों को चौड़ा बनाया जाना था। पहले यह सड़कें 7 मीटर चौड़ी बनाई जानी प्रस्तावित थी, लेकिन स्मार्ट सिटी के तहत इस प्रोजेक्ट को शामिल किए जाने के बाद सड़कों को 12 मीटर चौड़ा करने का निर्णय लिया गया।
- मुगल कैनाल मार्केट के विकसित होने से शहर के लोगों को नमस्ते चौक से सिविल अस्पताल आने के लिए शॉर्टकट मार्ग मिलेगा। फेज-2 व 3 में यह मार्ग 12 मीटर चौड़ा होगा। जीटी रोड से सफर करने वाले मुसाफिरों के लिए भी यह मार्केट उपयोगी होगी।
-मुगल कैनाल मार्केट में यूरोपियन स्टाइल में स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं, जो रात के समय मार्केट में अलग ही नजारा प्रस्तुत करेंगी। इसके अलावा इस मार्केट में बैठने के लिए बैंच इत्यादि की सुविधाएं देनी हैं।
- ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग बनाई जाएगी और उसके ऊपर मार्केट रहेगी। इससे मार्केट में बेवजह की भीड़ भी नहीं होगी। पार्किंग व स्टोर के ऊपर पोडियम फ्लोर पर शोरूम, बूथ और कियोस्क बनाए जाएंगे। हाईड्रोलिक लिफ्ट लगाई जाएंगी ताकि लोगों को वाहन पार्किंग करने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए। रैंप और एस्केलेटर भी बनाया जाएगा, ताकि आवागमन में परेशानी न आए।
फेज वन की सफलता के कारण इस प्रोजेक्ट पर था फोकस
मुगल कैनाल फेज एक अब पूरी तरह से विकसित हो चुकी है, लेकिन यहां लगभग 94 प्लॉट खाली पड़े हुए हैं, जिनमें से 34 प्लॉटों के अलॉटमेंट केस अभी कोर्ट में विचाराधीन तथा 60 प्लॉट बिना किसी की अड़चन के बिकने के लिए तैयार हैं। फेज वन की अपार सफलता को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को आगे विस्तार देने के लिए अधिकारियों ने प्लानिग की थी। लेकिन जिस प्रकार के आउटपुट अब सामने आ रहे हैं, उससे प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी के सीईओ राजीव मेहता ने बताया कि प्रोजेक्ट की कॉस्ट अधिक है। नगर निगम की आर्थिक स्थिति कमजोर है। ऐसे में प्रोजेक्ट की कॉस्ट कैसे कम की जाए, इस पर बातचीत हुई थी। हमारे प्रधान सचिव उमा शंकर के निर्देश पर प्रोजेक्ट को रिव्यू किया जा रहा है। रिपोर्ट तैयार कर जल्द सबमिट की जाएगी। सीएम साहब के निर्देशानुसार काम किया जा रहा है।