भावी क्लर्को के साथ प्रशासन की परीक्षा खत्म
जिले के 74 केंद्रों में हरियाणा कर्मचारी चयन सेवा आयोग (एचएससीसी) की लिपिकों की परीक्षा सोमवार को संपन्न हो गई है।
जागरण संवाददाता, करनाल : जिले के 74 केंद्रों में हरियाणा कर्मचारी चयन सेवा आयोग (एचएससीसी) की लिपिकों की परीक्षा सोमवार को संपन्न हो गई है। इस दिन 45,456 में 31,012 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी, जबकि 14,644 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। तीन दिन की परीक्षा के दौरान कुछ युवाओं ने बेहतर अंकों की उम्मीद की तो कुछ निराश दिखाई दिए। एसडी आदर्श स्कूल में आंसरशीट का मिलान न होने के कारण 38 में से 19 युवाओं ने दोबारा परीक्षा दी। शहर में एक लाख से अधिक परिक्षार्थियों के आवागमन के चलते तीन दिन बाद जाम से सड़कों और ट्रैफिक पुलिस को राहत मिलेगी।
बता दें कि जिले में 21, 22 और 23 सितंबर को लिपिक की भर्ती परीक्षा के लिए अंबाला, पंचकूला, कैथल, जींद, सिरसा, हिसार, पानीपत, यमुनानगर, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, हांसी आदि से परीक्षार्थी पहुंचे थे। इस दौरान नए-पुराने बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व पार्कों में रात को मजबूरन लोगों को रुकना पड़ा। 38 में से 19 परीक्षार्थियों ने दी दोबारा परीक्षा
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एसडी आर्दश पब्लिक स्कूल में रविवार को 96 प्रश्न-पत्र व आंसरशीट का मिलान न होने के कारण परीक्षार्थियों ने हंगामा कर दिया था। काफी देर बाद आयोग के फैसले से असंतुष्ट परीक्षार्थियों ने दोबारा परीक्षा देने की बात रखी थी। इन युवाओं को सोमवार को सायंकालीन स्तर में परीक्षा देने के लिए बुलाया था। सोनीपत के अनिल ने बताया कि आयोग के फैसले से संतुष्टि न होने पर परीक्षा देने के लिए अब दोबारा पहुंचे हैं, जबकि इस तरह की लापरवाही युवाओं के लिए परेशानी पैदा कर देती है। परीक्षा अधिकारी विजया मलिक ने बताया कि उक्त सेंटर में रूम नंबर 52, 54, 55 में परीक्षा के लिए रि-शेड्यूल जारी किया गया था, जबकि 38 में से 19 परीक्षार्थी सेंटर में पहुंचे थे। तीन दिन रहा शहर में जाम व भीड़ जैसा नजारा
परीक्षा के चलते तीन दिन तक शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ी रही और प्रत्येक चौक पर जाम का नजारा रहा। योजना पर कार्य करते हुए ट्रैफिक पुलिस ने वाहनों को बेश्क अधिक देर तक रुकने नहीं दिया और भीड़ में एंबूलेंस को प्राथमिकता दी। दूसरी तरफ, हरियाणा रोडवेज में बसों की खासी भीड़ रही और निजी वाहन चालकों ने भी लंबे रूट पर यात्रियों को ढोया। ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा चालकों ने मनमर्जी से परिक्षार्थियों से किराया वसूल किया। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भीड़ दिखाई दी। आइटीआइ चौक से नमस्ते चौक तक बस स्टॉप पर भीड़ के चलते यात्रियों को अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। शहर की पार्कों में परीक्षार्थियों व उनके अभिभावकों को रात गुजारनी पड़ी। मां को ढूंढ़ती रही बच्चे की आंखें, मिलने के लिए खटखटाया गेट
सोमवार को यमुनानगर से करनाल अपने बच्चे और सास के साथ पूनम लिपिक पद की परीक्षा देने आई। सुबह का सत्र और परीक्षा सेंटर था एसडी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल। पूनम सेंटर में प्रवेश करने के लिए आठ बजे ही लाइन में लग गई। छोटा बच्चा मां को देखता रहा। कुछ समय के बाद दादी अपने पोते को वहां से लेकर चल पड़ी और एक दूकान से नमकीन का एक पैकेट खरीद लिया और बच्चे को खिलाने लगी। लगभग आधा घंटा तो बच्चा नमकीन को खाता रहा, उसकेबाद उसे मां की याद आ गई और वह रोने लग गया। दादी ने उसे गोद में उठा लिया और फिर वह गेट के पास पहुंच गई। गोद से उतरकर बच्चा घुटने के बलचलता हुआ गेट के पस पहुंच गया और गेट को खटखटाने लगा, जैसे वह गेट खोलकर मां के पास जाना चाह रहा हो। ----बॉक्स----
जान बचेगी तो ही मिलेगी नौकरी
क्लर्क की परीक्षा खत्म होने के बाद परीक्षार्थी जीटी रोड पर बसों को इंतजार करने लगे। जब भी कोई बस आती तो वे दौड़ने लगते और किसी भी तरह बस में सवार होने की जुगत भिड़ाते। जीटी रोड पर आवागमन के कारण कई बार तो परीक्षार्थी दूसरे वाहनों के आगे आने से बाल-बाल बचे। इसी दौरान बस में सवार एक बुजुर्ग दौड़ रहे परीक्षार्थियों से बोले छोरों देख कै, जान बचेगी तो ही नौकरी मिलेगी।