आठ देशों के प्रतिभागियों ने सीखे आधुनिक डेरी प्रौद्योगिकी, प्रबंधन एवं सहकारिता के गुर
राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान में फीड द फ्यूचर- इंडिया ट्राईग्यूलर ट्रे¨नग प्रोग्राम के तहत आधुनिक डेरी प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और सहकारिता विषय पर चल रहे 15 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का मंगलवार को समापन हो गया। इसमें पंजाब के पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. इंद्रजीत ¨सह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, वहीं यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) के निदेशक मुस्तफा हमजाओई ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. आरआरबी ¨सह ने की और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
जागरण संवाददाता, करनाल : राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान में फीड द फ्यूचर- इंडिया ट्राईग्यूलर ट्रे¨नग प्रोग्राम के तहत आधुनिक डेरी प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और सहकारिता विषय पर चल रहे 15 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का मंगलवार को समापन हो गया। इसमें पंजाब के पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. इंद्रजीत ¨सह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, वहीं यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) के निदेशक मुस्तफा हमजाओई ने विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. आरआरबी ¨सह ने की और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
अन्य देशों के लिए प्रासंगिक साबित होगा एनडीआरआइ का प्रशिक्षण कार्यक्रम : डॉ. आरआरबी ¨सह
एनडीआरआइ के निदेशक डॉ. आरआरबी ¨सह ने बताया कि कार्यक्रम में अफ्रीकी और एशियाई देशों के लोगों को डेरी टेक्नोलोजी, प्रबंधन, को-ऑपरेटिव एवं मार्केटिग की ट्रे¨नग दी गई है। हमें आशा है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी प्रतिभागियों और उनके देशों के लिए प्रासंगिक साबित होगा। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि इस ट्रे¨नग में अर्जित ज्ञान को अपने देशवासियों के साथ जरूर सांझा करें।
मुख्य अतिथि डॉ. इंद्रजीत ¨सह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपने अन्य साथियों एवं विद्यार्थियों को भी एनडीआरआइ में डेरी क्षेत्र से संबंधित ट्रे¨नग लेने के लिए भेजे सकते हैं, ताकि वे भी भारतीय डेरी सेक्टर से संबंधित ज्ञान हासिल कर सकें। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे अपने अपने देश में को-ऑपरेटिव के क्षेत्र में अमूल सोसायटी मॉडल को अपनाएं।
मुस्तफा हमजाओई ने कहा कि भारत डेरी सेक्टर के क्षेत्र में विश्व में छाया हुआ है। उन्होंने कहा कि एशियाई अफ्रीकी देशों में भारतीय तकनीकें आसानी से अपनाई जा सकती हैं। वे आगे भी एनडीआरआइ में इस प्रकार के ट्रे¨नग कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे।
कोर्स को-आर्डिनेटर डॉ. गोपाल सांखला ने बताया कि यह ट्रे¨नग प्रोग्राम राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन हैदराबाद (मैनेज) के सहयोग एवं अमेरिका की संस्था यूएसएड की ओर से प्रायोजित था। इसमें अफगनिस्तान, तंजानिया, कंबोडिया, केन्या, लाइबेरिया, मलावी, म्यांमार और युगांडा सहित 8 देशों के 29 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें 23 पुरुष तथा 6 महिलाएं शामिल रहे।
मैनेज हैदराबाद के उप निदेशक डॉ. महंतेश शिरूर ने ट्रे¨नग के बारे में अपने प्रभावी विचार रखे। डॉ. बीएस मीणा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ. बिमलेश मान, बीएस मीणा, डॉ. सुजीत झा व डॉ. एचआर मीणा उपस्थित रहे।