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चलती रहेंगी मंडिया, प्राइवेट खरीदार किसानों के लिए विकल्प

जागरण संवाददाता करनाल कृषि कानून पर केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. प

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 11:48 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 11:48 PM (IST)
चलती रहेंगी मंडिया, प्राइवेट खरीदार किसानों के लिए विकल्प
चलती रहेंगी मंडिया, प्राइवेट खरीदार किसानों के लिए विकल्प

जागरण संवाददाता, करनाल

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कृषि कानून पर केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. पीसी शर्मा ने दैनिक जागरण से बातचीत की। उन्होंने कहा कि किसानों में भ्रम की स्थिति बनी है कि मंडियां खत्म की जा रही हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। कानून में यह कहीं पर उल्लेख नहीं है, बल्कि मंडी के अलावा भी किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए विकल्प मिले। इसलिए प्राइवेट खरीदारी शुरू होगी। आसान सी भाषा में कहा जाए तो यदि एक प्रोडक्ट के कई खरीदार होंगे तो कंपटीशन होगा और उस उत्पाद के अच्छे भाव होंगे। ठीक ऐसे ही नए कानून में व्यवस्था है। प्राइवेट खरीदार आने से किसानों को फसल का अच्छा भाव मार्केट में मिल पाएगा।

एफपीओ के गठन से किसानों को मिलेगा अच्छा मुनाफा

डा. पीसी शर्मा ने कहा कि इस समय हमारे देश में छोटी जोत के किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है। यदि वह संगठित होकर काम करेंगे तो मुनाफा अच्छा कमा सकते हैं। एफपीओ बनाकर या फिर कांट्रेक्ट फार्मिंग से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। नए कानून में एफपीओ को बढ़ावा दिया गया है, जो किसानों के हित में है। किसानों के समूह मिलकर काम करेंगे तो फसल की इनपुट लागत में कमी आएगी और अपनी फसल को वह अपनी मोनोपोली पर बेच सकेंगे। नए कानून में अपने उत्पाद स्टोर कर सकते हैं किसान

पहले कृषि कानून में उत्पाद को स्टोरेज करने की एक सीमा तय थी, लेकिन अब नए कानून में ऐसा नहीं है। डा. शर्मा ने कहा कि एक किसान इतना समृद्ध नहीं होता कि वह प्रोडक्ट को स्टोरेज कर सके, एफपीओ बनाकर उसे स्टोर करें और मार्केट में अच्छा रेट आने पर उसको बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकता है। कई किसान मिलकर प्रोसेसिग की तरफ भी आगे बढ़े हैं। उत्पाद को प्रोसेस में लाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इसी दिशा में किसानों को आगे बढ़ने की छूट नए कानून दे रहे हैं। एमएसपी का लाभ पहले से ले रहे किसान

सीएसएसआरआइ निदेशक डा. पीसी शर्मा ने कहा कि हरियाणा, पंजाब व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सरकार पहले से किसानों को एमएसपी दे रही है। एमएसपी प्राप्त करने की भी एक समयावधि होती है। क्राप के समय जैसे गेहूं के समय में या धान के समय में फसल खरीदारी के समय विडो खुलती है तो किसानों को एमएसपी मिल जाता है। उसके बाद नहीं मिल पाता है, लेकिन नए कृषि कानून हमें कई प्रकार के ऐसे विकल्प प्रदान कर रहे हैं, जिससे किसान एमएसपी से भी अच्छे भाव फसल के ले सकता है। स्टोरेज और प्रोसेसिग इसके चरण हो सकते हैं। किसानों भ्रम में ना रहें कृषि कानून उनके हित में हैं। नएक कृषि कानूननों से उनकी आय में भी वृद्धि होगी।


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