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स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम आती है तो सभी शौचालय होते हैं साफ, जाते ही लग जाते हैं ताले

स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में टॉप-10 में शामिल होने के लिए निगम सपना संजोए है लेकिन शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर जब टीम सर्वे के लिए आती है उससे ठीक पहले यह ताले खुल जाते हैं लेकिन टीम के जाने के बाद फिर से ताले लग जाते हैं। ऐसा क्यों है?

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 08:18 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 08:18 AM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम आती है तो सभी शौचालय होते हैं साफ, जाते ही लग जाते हैं ताले
स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम आती है तो सभी शौचालय होते हैं साफ, जाते ही लग जाते हैं ताले

जागरण संवाददाता, करनाल

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स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में टॉप-10 में शामिल होने के लिए निगम सपना संजोए है, लेकिन शौचालयों पर ताले लटके हुए हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर जब टीम सर्वे के लिए आती है उससे ठीक पहले यह ताले खुल जाते हैं, लेकिन टीम के जाने के बाद फिर से ताले लग जाते हैं। ऐसा क्यों है? इसका जवाब ढूंढ़ने के लिए दैनिक जागरण ने मामले की पड़ताल की। पता चला कि नगर निगम सामान चोरी के डर से शौचालयों पर ताला जड़ देता है। ऐसे में सवाल उठता है कि निगम की यह व्यवस्था क्या वाजिब है? जनसुविधा के लिए बनाए शौचालयों पर ताला क्यों लगाया जा रहा है। शहर में अलग-अगल जगह पर 15 से 20 शौचालय ऐसे मिले हैं जिन पर ताला लगाया है, जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने भी रोष जाहिर किया है। लोगों ने बातचीत में बताया कि इस प्रकार की सुविधा का क्या लाभ। यह शौचालय सिर्फ सफेद हाथी हैं। शौचालय खोलने के लिए निगम को अपनी सोच बदलनी होगी। सर्वेक्षण की टीम आती है तो तीन शिफ्टों में लगती है ड्यूटी

जागरण पड़ताल में जो सबसे बड़ी बात निकलकर सामने आई वह यह कि स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर शहर में सर्वे के लिए जब भी टीम आती है उस समय नगर निगम इतना अलर्ट हो जाता है कि हर शौचालय पर तीन शिफ्टों में 24 घंटे कर्मचारियों की तैनाती कर दी जाती है, लेकिन जब टीम चली जाती है तो कर्मचारियों को यहां से हटा लिया जाता है। बार-बार शौचालयों की सफाई ना करनी पड़ी या सामान चोरी के डर से इन्हें बंद कर दिया जाता है। शौचालयों पर ताले लटके हैं और अंदर गंदगी फैली है। सफाई का है बुरा हाल

शहर में सार्वजनिक और मोबाइल शौचालय की सफाई के लिए भी सवाल खड़े हैं। लोगों ने बताया कि समय पर सफाई नहीं होती है। बहुत से शौचालय ऐसे हैं, जिन्हें इस्तेमाल करना तो दूर उनके पास खड़ा भी नहीं हुआ जा सकता। शौचालय के अंदर सफाई न होने के कारण शौचालयों से दुर्गंध आती है और लोग अंदर जाने से घबराते हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि ऐसी हालात में पता नहीं कैसे स्वच्छ सर्वेक्षण की जंग जीत पाएंगे। क्यों लगा रहता है ताला, कारण बताए प्रशासन?

सदर बाजार क्षेत्र से संजीव, राकेश व कुलदीप ने बताया कि शौचालय तो बना दिए, लेकिन लोग जब वहां जाते हैं तो गेट पर ताला लटका मिलता है। ऐसे में प्रशासन को बताना चाहिए कि लोगों की सुविधा के लिए बने शौचालयों पर ताले क्यों लगे रहते हैं? वर्जन

इधर नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार ने कहा कि शौचालयों की सफाई कराई जा रही है। कुछ जगहों पर जहां पर ताले लगे हुए हैं वह ऐसी लोकेशन हो सकती हैं जहां पर पानी सप्लाई की दिक्कतें हैं, बिना पानी के शौचालयों की स्थिति ठीक नहीं रहती है। हालांकि इसका हल भी किया जा रहा है। कई जगह पर सामान चोरी होने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। शहर को स्वच्छ रखना हम सभी की सांझी जिम्मेदारी है।


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