जाते-जाते दो अंधेरी ¨जदगियों को रोशन कर गए यशवंत
जागरण संवाददाता, करनाल कुछ लोग जीते जी भी समाज की सेवा करते हैं। जब इस नश्वर संसार को
जागरण संवाददाता, करनाल
कुछ लोग जीते जी भी समाज की सेवा करते हैं। जब इस नश्वर संसार को छोड़कर जाते हैं तब भी कुछ ऐसा कर जाते हैं जो समाज के लिए एक प्रेरणा का श्रोत बने। ऐसा ही किया है करनाल शहर के एक ऐसे परिवार ने जो समाज सेवा को समर्पित है। करनाल निवासी 49 वर्षीय यशवंत कुमार वर्मा का आकस्मिक निधन हो गया। ऐसे में परिवार के सदस्यों ने यशवंत कुमार वर्मा के नेत्र दान का निर्णय लिया। तुरंत माधव नेत्र बैंक को सूचना भेजकर नेत्र उत्सर्जित कराए ताकि दो अंधेरी ¨जदगियों को रोशनी मिल सके। यशवंत कुमार दूसरों की ¨जदगी बचाने के लिए रक्तदान करते रहे और अंत में भी नेत्रदान कर गए। यशवंत कुमार कली राम के पुत्र हैं जो सैनिक थे। 1962 व 1965 के युद्धों में देश सेवा में शामिल रहे हैं। उनके भाई सतपाल, डॉ. अशोक कुमार वर्मा, विनोद कुमार, प्रवीण, बहनोई धर्मेंद्र, बहन कमलेश व भतीजे भतीजियां सभी रक्तदान के क्षेत्र में अहम भूमिका अदा करते हैं। पूरा परिवार 12000 से अधिक इकाई रक्तदान करा चुका है। अन्य लोगों को नेत्र दान के लिए भी प्रेरित करता है। यशवंत कुमार अपने पीछे अपनी धर्मपत्?नी निशा वर्मा, निधि व पुत्र नवीन को पीछे छोड़कर चले गए हैं। यशवंत कुमार की रस्म क्रिया 6 अक्टूबर को रामलीला मैदान के सभागार में होगा।