भाषा को किसी भी सरहदों में नहीं बांटा जा सकता : गुरविन्द्र धमीजा
सेक्टर-14 पंडित चिरंजी लाल शर्मा पीजी कालेज में हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी तथा कालेज के पंजाबी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कवि दरबार और संगोष्ठी आयोजित की गई। हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के डिप्टी चेयरमैन गुरविन्द्र सिंह धमीजा ने कहा कि पंजाबी भाषा को सरहदों में नहीं बांटा जा सकता।
जागरण संवाददाता, करनाल : सेक्टर-14 पंडित चिरंजी लाल शर्मा पीजी कालेज में हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी तथा कालेज के पंजाबी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कवि दरबार और संगोष्ठी आयोजित की गई। हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के डिप्टी चेयरमैन गुरविन्द्र सिंह धमीजा ने कहा कि पंजाबी भाषा को सरहदों में नहीं बांटा जा सकता।
उन्होंने कहा कि यह पांच नदियों, पांच राज्यों की भाषा न होकर पूरे विश्व में प्यार और सौहार्द बढ़ाने वाली भाषा है। गुरुनानक देव ने 130 देशों का भ्रमण कर पंजाबी भाषा को पूरे संसार तक पहुंचाया। यही कारण है कि गुरु ग्रंथ साहिब की संरचना भी पंजाबी लिपि में की गई। उन्होंने कहा कि भाषा की कोई सरहद नहीं होती। भाषा को किसी सीमा में नहीं बांधा जा सकता। पंजाबी भवन कनाडा के निर्माता सुखी बाठ ने कहा कि पंजाबी भवन का उद्देश्य भी विभिन्न संस्थाओं को साथ लेकर पंजाबी भाषा की प्रफुल्लता के लिए काम करना है। हरियाणा में हिदी के बाद पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा प्राप्त है।
गुरुनानक खालसा कालेज के प्राचार्य डा. मेजर सिंह खैरा ने कहा कि इस कार्यक्रम में पंजाबी भाषा के प्रचार के लिए कवि दरबार का आयोजन किया जा रहा है। राजकीय महाविद्यालय प्राचार्या राजेश रानी ने कहा कि रोजगार के लिहाज से पंजाबी भाषा का महत्व है। इस अवसर पर एमएलएन कालेज के पूर्व प्राचार्य रमेश शर्मा, नगर निगम के संयुक्त कमीश्नर गगनदीप, कवि दर्शन बुट्टर, रविन्द्र मशहूर, बलजीत सिंह सैनी, रमेश कुमार, कुलवंत सिंह रफीक, हरदित्त हबीब, प्रद्युमन भल्ला, गुल्लू अच्छनपूरियां, अमरिन्द्र सोहल, देविन्द्र बीबीपूरियां मौजूद थे।