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लैंड माफिया ने चारों ओर काट दी कॉलोनी, जगह-जगह निर्माण भी शुरू

जागरण संवाददाता, करनाल निगम चुनाव नजदीक आता देख एक बार फिर से शहर के चारों ओर लैं

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 01:58 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 01:58 AM (IST)
लैंड माफिया ने चारों ओर काट दी कॉलोनी, जगह-जगह निर्माण भी शुरू
लैंड माफिया ने चारों ओर काट दी कॉलोनी, जगह-जगह निर्माण भी शुरू

जागरण संवाददाता, करनाल

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निगम चुनाव नजदीक आता देख एक बार फिर से शहर के चारों ओर लैंड माफिया सक्रिय हो गया। एक दो नहीं करीब नौ अवैध कॉलोनियां धड़ल्ले से काट दी गई। कई जगह तो कॉमर्शियल कांप्लेक्स तक बना दिए गए। हालात यह है कि यहां निर्माण चल रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे। यूथ फॉर चेंज के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने बताया कि एक पांच सौ करोड़ रुपये का अवैध कारोबार हो रहा है। यह बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है। इसे रोकने की दिशा में कुछ नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस बाबत उन्होंने निगम और टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग विभाग में पत्र लिखे, लेकिन इसके बाद भी इनकी गतिविधियों पर रोक लगाने की दिशा में कुछ नहीं हो रहा है।

यहां कट रही है अवैध कॉलोनियां

¨पगली रोड से लेकर सेंट्रल जेल तक रोड पर दोनों ओर अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही है। ब्रह्मनंद चौक से लेकर घोघड़ीपुर फाटक तक, सेक्टर 32 की सीमा के बाहर, ओल्ड अनाज मंडी नावल्टी रोड पेट्रोल पंप के साथ भी सरेआम कॉलोनी काटी जा रही है। इसलिए तेजी से हो रहा निर्माण

निगम चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में यहां प्लॉट खरीदने वालों को लैंड माफिया ये झांसा दे रहे हैं कि कॉलोनी नियमित हो जाएगी। इधर, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को समझाया जा रहा है कि यह लोग उन्हें वोट देंगे। इस खेल में फायदा लैंड माफिया उठा रहा है। आरटीआइ एक्टिविस्ट और एडवोकेट सतेंद्र ¨सह ने बताया कि इसमें कुछ सरकारी कर्मी भी मिले हुए होते हैं। इस कारण कोई भी इनकी गतिविधियों की ओर ध्यान नहीं देता। विजिलेंस से होनी चाहिए जांच

सतेंद्र ने बताया कि यह बहुत बड़ा स्कैम है, इसकी विजिलेंस से जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लैंड माफिया के खिलाफ कड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज होना चाहिए। अभी एचडीआर एक्ट में मामला दर्ज करा टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग अपनी कार्रवाई को जस्टिफाई कर लेते हैं। जबकि यह एक्ट बहुत ही कमजोर है, इसमें आरोपी को तुरंत ही जमानत मिल जाती है। यहीं वजह है कि लैंड माफिया को कार्रवाई का भी डर नहीं होता।


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