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ककराला कूचियां बना संस्कृत ग्राम

ककराला कूचियां संस्कृत ग्राम बनने की ओर अग्रसर है। ककराला ग्राम और मूंदडी के महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हवन कराया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 07:20 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:37 AM (IST)
ककराला कूचियां बना संस्कृत ग्राम
ककराला कूचियां बना संस्कृत ग्राम

जागरण संवाददाता, कैथल : ककराला कूचियां संस्कृत ग्राम बनने की ओर अग्रसर है। ककराला ग्राम और मूंदडी के महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हवन कराया गया। उसमें अध्यक्ष एवं मुख्य यजमान के रूप में गांव की सरपंच प्रवीण कौर एवं मुख्य अतिथि के रूप में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति डॉ. श्रेयांश द्विवेदी उपस्थित रहे।

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विश्वविद्यालयों के आचार्यो ने वैदिक रीति से यह यज्ञ संपन्न कराया। इसके बाद गांव के छोटे-छोटे बच्चों एवं माताओं बहनों में संस्कृत में अपना परिचय दिया। इसके अलावा संस्कृत में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी हुआ। सरपंच प्रवीण कौर ने कुलपति सहित सभी अतिथियों का स्वागत व धन्यवाद किया और अपने गांव को सर्वश्रेष्ठ संस्कृत ग्राम बनाने का संकल्प लिया। इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के पूर्व प्रो. राजेश्वर प्रसाद मिश्र, डॉ. जगत नारायण, श्री सुभाष कुमार, मांडी गांव के सरपंच सुखविद्र आदि उपस्थित रहे।


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