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ब्रिटेन के सबसे चतुर लोगों में पहले नंबर पर भारत की ईशा, आइक्यू टेस्ट मेन्सा के लिए मिला आमंत्रण

मूलरूप से करनाल की रहने वाली ईशा को ब्रिटेन के सबसे चतुर लोगों में सर्वोच्च स्थान हासिल हुआ है। उसे बेहद प्रतिष्ठित आइक्यू टेस्ट मेन्सा के लिए आमंत्रित किया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 09:37 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 05:52 PM (IST)
ब्रिटेन के सबसे चतुर लोगों में पहले नंबर पर भारत की ईशा, आइक्यू टेस्ट मेन्सा के लिए मिला आमंत्रण
ब्रिटेन के सबसे चतुर लोगों में पहले नंबर पर भारत की ईशा, आइक्यू टेस्ट मेन्सा के लिए मिला आमंत्रण

जेएनएन, करनाल। जिस ब्रिटेन के बाशिंदों ने अरसे तक हिंदुस्तान पर राज किया, आज उसी सरजमीं पर भारत की एक बेटी ने अपनी मेधा और बहुआयामी प्रतिभा की धाक जमा दी है। करनाल के अत्रेजा परिवार की होनहार ईशा को ब्रिटेन के सबसे चतुर लोगों की फेहरिस्त में सर्वोच्च स्थान हासिल हुआ है।

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ईशा को वहां के बेहद प्रतिष्ठित आइक्यू टेस्ट मेन्सा के लिए आमंत्रित किया गया है। इसका अवसर गिने-चुने प्रतिभाशाली लोगों को ही मिल पाता है। यह खबर मिलते ही करनाल स्थित ईशा के स्वजनों में हर्ष व्याप्त हो गया। उन्होंने विश्वास जताया कि छोटी आयु में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाली ईशा आने वाले दौर में सफलताओं के नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।

अपने माता-पिता व भाई के साथ इशा।

ईशा का परिवार मूलरूप से करनाल का रहने वाला है। ईशा के दादा ओमप्रकाश अत्रेजा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं। दादी संतोष अत्रेजा भारतीय जनता पार्टी की जिला अध्यक्ष व हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मानद सचिव रह चुकी हैं। चाचा कपिल अत्रेजा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचार प्रमुख हैं, जबकि दूसरे चाचा गगन अत्रेजा एक प्रतिष्ठित कंपनी में शीर्ष पद पर हैं। वर्षों पूर्व ब्रिटेन में बस चुके ईशा के पिता गौरव अत्रेजा और माता सपना अत्रेजा वहां जाने-माने चिकित्सक के रूप में प्रतिष्ठित हैं।

ईशा अत्रेजा के चाचा कपिल अत्रेजा ने बताया कि जैसे ही ब्रिटेन में आधिकारिक रूप से यह सूचना सामने आई कि एप्सोम के स्टोनलेह क्षेत्र में रहने वाली ईशा को मेन्सा टेस्ट में उच्चतम संभावित स्कोर हासिल करने के बाद प्रतिष्ठित टेस्ट में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है तो पूरे परिवार को फोन पर बधाइयां मिलने लगी। 16 वर्षीय ईशा नॉनसुक हाईस्कूल फॉर गर्ल्स की छात्रा हैं।

क्या है मेन्सा

मेन्सा वस्तुत : उच्च बुद्धि कौशल रखने वाले ऐसे सदस्यों का समूह है, जिसका गठन 1946 में ऑक्सफोर्ड में हुआ था। इसमें आयरलैंड गणराज्य और इंग्लिश चैनल द्वीप समूह सहित ब्रिटेन के 20,000 सदस्य हैं। ईशा की तरह उन सदस्यों में से लगभग 1300 की आयु 16 वर्ष या उससे कम है, जिनमें ईशा को सर्वोच्च स्कोर हासिल हुआ। इस विशिष्ट उपलब्धि की खबर पाकर बेहद खुश ईशा के चाचा कपिल अत्रेजा ने जागरण को बताया कि यह निस्संदेह अविस्मरणीय उपलब्धि है। ईशा ने न केवल पूरे अत्रेजा परिवार बल्कि, भारत की धरती को भी गौरवान्वित किया है।


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