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फिल्मी स्टाइल में पहले रुपये दोगुना करने का लालच देकर करते थे ठगी, डर दिखाने के लिए फर्जी पुलिसकर्मी बनकर साथी करते थे छापेमारी

संवाद सूत्र नीलोखेड़ी (करनाल) रुपये दोगुना करने का लालच देकर गिरोह के कई सदस्य लोगों क

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 08:43 AM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 08:43 AM (IST)
फिल्मी स्टाइल में पहले रुपये दोगुना करने का लालच देकर करते थे ठगी, डर दिखाने के लिए फर्जी पुलिसकर्मी बनकर साथी करते थे छापेमारी
फिल्मी स्टाइल में पहले रुपये दोगुना करने का लालच देकर करते थे ठगी, डर दिखाने के लिए फर्जी पुलिसकर्मी बनकर साथी करते थे छापेमारी

संवाद सूत्र, नीलोखेड़ी (करनाल) : रुपये दोगुना करने का लालच देकर गिरोह के कई सदस्य लोगों को झांसे में लेते थे और उन्हें कुछ असली और बाकी नकली नोट थमा देते थे। फिर डर दिखाने के लिए अन्य साथियों को फर्जी पुलिसकर्मी बनाकर छापेमारी करवा देते थे। अभी तक ऐसे कई लोगों को निशाना बना चुके हैं। तीन दिन पहले नीलोखेड़ी से काबू किए तीन आरोपितों को तीन दिन के लिए रिमांड पर लिया गया तो उन्होंने पूछताछ में पूरा राज उगल दिया।

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22 मई को नीलोखेड़ी पुलिस चौकी इंचार्ज उप निरीक्षक कृष्ण कुमार के नेतृत्व में टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर जीटी रोड पर नाकाबंदी की थी। इसे देख एक कार में सवार लोग वापस भागने का प्रयास करने लगे। दो आरोपित फरार हो जाने में सफल रहे थे तो वहीं अरविद कुमार वासी गांव गनगौरी जिला कुरुक्षेत्र व करणपाल वासी जयसिंह माजरा जिला यमुनानगर को काबू कर लिया था। उनकी इयोन कार से आठ लाख 94 हजार रुपये की नकदी व नोट नुमा कागज की गड्डियों से भरे दो बेग, एक नोट गिनने की मशीन बरामद की गई थी।

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ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

रिमांड के दौरान पता चला कि आरोपितों द्वारा लोगों को अपने पास काफी मात्रा में 100, 200 व 500 के नोटों की गड्डियां होने की बात का विश्वास दिलाया जाता था और लोगों से बडे नोट लेने व बडे नोटों के बदले दो से तीन गुणा कीमत के छोटे नोट देने का लालच दिया जाता था। लोगों को विश्वास में लेने के लिए आरोपित पहले लोगों को कुछ छोटे नोटों की असली गड्डियां दे देते और इन्हें कहीं भी जाकर चेक कराने को कहा जाता था। चेक कराने पर नोट असली पाए जाते और आरोपितों व ठगी का शिकार होने वाले लोगों के बीच डील पक्की हो जाती थी। इसके बाद लेन-देन के लिए किसी एंकात जगह का चुनाव किया जाता था। आरोपित अपने पास नोटों से भरे बेग रखते थे और बेग में ऊपर असली नोटों की गड्डियां होतीं। नीचे बेग में नोट के आकार के कागज के टुकडों की गड्डियां होती थीं और नोट के आकार के कागज के टुकड़ों की गड्डियों में ऊपर-नीचे एक-दो नोट असली लगा हुआ होता, जिससे देखने में सारी गड्डियां असली नोटों की प्रतीत होती थीं। आरोपित बडे़ नोटों के रूप में डील के अनुसार काफी नकद रकम ले लेते। दोगुने व तीन गुणा रकम के छोटे नोटों से भरे बेग दे देते थे। जैसे ही लोग बेग को खोलकर चेक करने लगते तो आरोपित योजना अनुसार उनको पुलिस की रेड पडने की बात कहकर डरा देते थे। लोग पुलिस द्वारा पकड़े जाने के डर से बेग को बिना चेक करे निकल जाते थे।

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गड़बड़ी की आशंका होते ही कर देते रेड

आरोपितों ने माना कि वे अपने दो साथियों को नकली पुलिस बना कर दूसरी जगह रखते थे। जैसे ही आरोपितों को लगता कि कुछ गड़बड़ होने वाली है तो नकली पुलिस बने आरोपित मौके पर रेड करते। लोग पकडे़ जाने के डर से भाग जाते थे। डील करने वाले आरोपित दूसरी तरफ भाग जाते थे। नकली पुलिस बनने वाले आरोपित करनैल सिंह वासी गांव दौलतपुर जिला कुरुक्षेत्र पिपली गिरफ्तार किया गया है। उसके कब्जे से पुलिस की वर्दी बरामद की गई।

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यमुनानगर का ऋषिपाल बनाता था योजना

जांच में यह भी पता चला कि ठगी की वारदातों को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाने वाला सरगना ऋषिपाल वासी भूरा माजरा जिला यमुनानगर है। वह यमुनानगर के एरिया में ऐसी करीब आठ वारदातों को अंजाम दे चुका है। उसके कुछ साथी अलग-अलग जगह औद्योगिक क्षेत्रों के आस-पास घूमते रहते और रुपये दोगुने या तीन गुना करने का लालच देकर लोगों को ऋषिपाल से संपर्क करने को कहते थे। गिरफ्तार तीनों आरोपितों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मुख्य आरोपित ऋषिपाल को काबू करने के लिए छापेमारी की जा रही है।


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