ड्रोन मामला गहराया, खुफिया एजेंसियों व पंजाब पुलिस की करनाल में छापेमारी
पाकिस्तान की ओर से भारत में ड्रग्स व हथियार लाने व सैन्य ठिकानों की खुफिया जानकारी देने के लिए कथित रूप से प्रयोग किए गए ड्रोन के चर्चित मामले में करनाल शहर की एक कालोनी के साथ अब एक गांव भी पंजाब पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के निशाने पर आ गया है।
जागरण संवाददाता, करनाल : पाकिस्तान की ओर से भारत में ड्रग्स व हथियार लाने व सैन्य ठिकानों की खुफिया जानकारी देने के लिए कथित रूप से प्रयोग किए गए ड्रोन के चर्चित मामले में करनाल शहर की एक कालोनी के साथ अब एक गांव भी पंजाब पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के निशाने पर आ गया है। इसी के चलते यहां छापेमारी की गई तो वहीं गिरफ्तार किए गए सेना के आरोपित जवान के एक दोस्त व भाई से भी पूछताछ की गई है। इधर, खुफिया एजेंसियों की ओर से की जा रही कार्रवाई से जिला पुलिस भी सतर्क है। लिहाजा, उसने अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं जिला पुलिस को खुफिया एजेंसियों व पंजाब पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके आधार पर जांच व कार्रवाई का दायरा बढ़ाया जा सकता है। इससे यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
दरअसल, पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने करीब दो सप्ताह पहले चंडीगढ़ में एक पत्रकार वार्ता में रहस्योद्घाटन किया था कि ड्रग्स व हथियारों की तस्करी में शामिल अंबाला कैंट वासी एवं आर्मी के नायक सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें भारत-पाक सीमा पर स्थित एक गांव वासी धर्मेंद्र ,अमृतसर के कलास गांव वासी बलकार सिंह व अंबाला कैंट से राहुल चौहान शामिल हैं। राहुल चौहान आर्मी में नायक बताया जा रहा है। डीजीपी ने बताया था कि आरोपितों के साथ पंजाब पुलिस ने दो ड्रोन भी बरामद किए हैं। इनमें एक ड्रोन जहां अमृतसर के मोधे गांव में एक सुनसान डिस्पेंसरी से बरामद किया, जो आरोपित धर्मेंद्र व उसके साथियों ने छिपाया था। वहीं दूसरा ड्रोन एक आरोपित राहुल की जानकारी पर करनाल के कर्ण विहार स्थित उसके दोस्त के घर से बरामद किया गया। डीजीपी के अनुसार आरोपित राहुल चौहान ने यह ड्रोन पांच लाख 35 हजार रुपये में खरीदा था। यही रहस्योद्घाटन होने के बाद यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। बॉक्स
उत्तरप्रदेश से सटे गांव का रहने वाला है आरोपित सैनिक
पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए सेना का आरोपित जवान राहुल चौहान दरअसल उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे और करनाल जिले में शामिल एक गांव का रहने वाला है। बुधवार को दैनिक जागरण टीम जब इस गांव में पहुंची तो जिम्मेदार लोगों ने बताया कि ये दो भाई हैं। एक भाई गांव में ही खेती-बाड़ी करता है तो परिवार के अन्य सदस्य भी उसी के साथ रहते हैं। उनका परिवार पहले उत्तरप्रदेश के ही एक गांव में रहता था और करीब छह साल पहले करनाल जिले के गांव में रहने लगा। आरोपित जवान की कर्ण विहार कालोनी में एक दुकानदार से दोस्ती है। आरोप है कि ड्रोन पहले इसी दुकान पर लाया गया था तो उसके भाई को भी जानकारी थी। इस संबंध में कुछ जानकारी आरोपित राहुल चौहान से भी पूछताछ में मिली थी, जिसके बाद यहां केंद्रीय खुफिया एजेंसी के साथ पंजाब पुलिस की टीम भी छापेमारी के लिए पहुंची थी। यह भी बताया जा रहा है कि अब तक खुफिया एजेंसी दो से तीन बार यहां पहुंच चुकी है और भाई व दोस्त सहित अन्य जानकारी भी जुटाई गई है। बॉक्स
मामला तो गंभीर है, लेकिन..
दैनिक जागरण टीम जब सेना के आरोपित जवान के गांव पहुंची तो वहां जिम्मेदार लोग भी अपना नाम सामने लाने से इंकार करते हुए दोहराते रहे कि यह मामला तो गंभीर है। लोग इसकी जगह-जगह चर्चा कर रहे है। वहीं पुलिस टीमें भी यहां जांच के लिए पहुंच चुकी है। हालांकि ग्रामीणों ने आरोपित जवान को निर्दोष भी माना और कहा कि जबसे वे इस गांव में आए हैं तो किसी प्रकार की ऐसी बुराई नहीं सुनी। जब मामले की जानकारी उन्हें मिली तो वे भी चौंक गए। अब असलियत तो वही बयां कर सकता है। बॉक्स
रिपोर्ट आने का इंतजार : एसपी
एसपी एसएस भौरिया का कहना है कि ड्रोन मामले को लेकर खुफिया एजेंसियां भी जांच कर रही है। इसी के चलते सेना के आरोपित जवान से पूछताछ में कुछ जानकारी मिलने के बाद पंजाब पुलिस व खुफिया एजेंसी की टीम भी यहां पहुंची थी। जवान के भाई व दोस्त से पूछताछ भी की गई, लेकिन अभी तक उनकी ओर से रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि पुलिस अपने स्तर पर भी जांच कर रही है, लेकिन खुफिया एजेंसी व पंजाब पुलिस की ओर से रिपोर्ट मिली तो उसके आधार पर भी जांच व अगली कार्रवाई का दायरा बढ़ा दिया जाएगा।