चावलों की नगरी में शैलरों की राख से भविष्य खाक, प्रदुषण बोर्ड ने साधी चुप्पी
जासं तरावड़ी चावलों की ऐतिहासिक नगरी में शहरों की राख से भविष्य खाक हो रहा है। अि
जासं, तरावड़ी : चावलों की ऐतिहासिक नगरी में शहरों की राख से भविष्य खाक हो रहा है। अधिकतर राइस मिलों में लगी चिमनियों से निकलने वाले धुएं और राइस शेलरों से निकलने वाली राख से शहरवासियों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। राइस शैलर मालिकों से गुहार लगाने के बावजूद इस समस्या के समाधान की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। मिलों से निकलने वाली राख की मात्रा इतनी है कि शहर व आसपास के गांवों के अधिकतर लोगों की छतों पर हर रोज राख के ढ़ेर लग जाते हैं।
राइस मिलरों द्वारा सरकारी मानकों का ध्यान न रखने से इनकी चिमनियों से निकलने वाले धुएं के साथ राख भी आसमान में फैल रही है। यही राख फिर जमीन में बिखर जाती है। इस राख से इन राइस मिलों के पास मौजूद गांवों के लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है।
दूसरी ओर, इस बारे में प्रदूषण विभाग के अधीक्षण अभियंता शेलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि उनके पास इस बारे में शिकायत आएगी तो अवश्य जांच करेंगे। इस आधार पर नियम तोड़ने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
---बाक्स---- आंखों के लिए खतरा
तरावड़ी के राइस मिलों द्वारा शाम ढलने के बाद ईटीपी प्लांट का प्रयोग न करने से मिलों की चिमनियों से उडने वाला कचरा व राख लोगों की आंखों के लिए खतरा बन चुका है। परेशान लोगों की आए दिन शिकायतों के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सबकुछ जानकर भी चुप है। लोगों का आरोप है कि मिल मालिक व प्रदूषण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते आंखों से सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। शाम ढलने के बाद सड़क के साथ लगते अधिकतर राइस मिल मालिक अपना ईटीपी प्लांट बंद कर देते है। इसके चलते आसपास का इलाका पूरी तरह धूल के गुबार से सराबोर हो जाता है। ----बाक्स---
लोगों का स्वास्थ्य दांव पर
वातावरण में फैली राख से तरावड़ी शहर व आसपास के गांवों के लोगों को स्वास्थ्य लाभ की बजाए बीमारियां मिल रही हैं। आसमान से बरसने वाली राख से खिलाड़ियों को सांस के रोगों के अलावा आंखों के रोग भी परेशान कर रहे है। परेशान लोगों ने कहा कि शिकायत के बावजूद संबंधित विभाग इस समस्या के समाधान की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। ---बाक्स--- दुर्गंध से सांस लेने में परेशानी
शहर के लोगों ने कहा कि मिलों से निकलने वाली काली राख, धुएं व मिल से निकलने वाले गंदे पानी की दुर्गंध से सांस लेने में परेशानी हो रही है। विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि इस मामले में जल्दी से जल्दी कोई सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए, ताकि शहर के लोगों को चिमनियों से निकलने वाले धुएं और शेलरों की राख से निजात मिले।