Move to Jagran APP

पंजाब के फार्मूले पर हरियाणा में राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश में आप

मनोज ठाकुर, करनाल दिल्ली के सीएम अर¨वद केजरीवाल का करनाल के गांव बाल रांगड़ान और पबाना हसनपुर का दौरा उनकी सधी सियासत का मास्टर स्ट्रोक था। बड़ा सवाल यह है कि यही दो गांव क्यों चुने गए? इसके पीछे वजह यह है कि यह गांव हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के पड़ोसी विधानसभा क्षेत्र और करनाल जिले के तहत आता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 01:56 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 01:56 AM (IST)
पंजाब के फार्मूले पर हरियाणा में राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश में आप
पंजाब के फार्मूले पर हरियाणा में राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश में आप

मनोज ठाकुर, करनाल

loksabha election banner

दिल्ली के सीएम अर¨वद केजरीवाल का करनाल के गांव बाल रांगड़ान और पबाना हसनपुर का दौरा उनकी सधी सियासत का मास्टर स्ट्रोक था। बड़ा सवाल यह है कि यही दो गांव क्यों चुने गए? इसके पीछे वजह यह है कि यह गांव हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के पड़ोसी विधानसभा क्षेत्र और करनाल जिले के तहत आता है। असंध विधानसभा क्षेत्र का यह गांव शहरी टच से दूर है। आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से पंजाब में ग्रामीण परिवेश को आधार बनाकर अपनी सियासी जमीन मजबूत की, ठीक उसी तरह से हरियाणा में भी इसी फार्मूले पर काम हो रहा है। यानी बेस गांव रहेंगे, लेकिन शहर पर भी नजर रहेगी। उनकी कोशिश यही है कि ऐसे मुद्दों को उठाया जाए जो मतदाता के बीच एकदम से लोकप्रिय हो सकें। इसके साथ ही जिन पर पारंपरिक सियासी नेता ध्यान भी न देते हों। इस वजह से केजरीवाल ने शिक्षा और हेल्थ को मुद्दा बनाया। दो गांव : आबादी बीस हजार

यह दो गांव हैं। इसमें एक गांव की आबादी 9 हजार और दूसरे गांव की आबादी 11 हजार है। ऐसे में पार्टी के रणनीतिकारों को पता था कि यदि बाहर से भीड़ नहीं भी आई तो इन गांवों से ही अच्छे खासे समर्थक आ सकते हैं। इसे सम्मानजनक जनसभा करार दिया जा सकता है। इसी सोच के चलते उन्होंने यह स्पॉट चुना। इसमें वे काफी हद तक कामयाब भी रहे। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए असंध हलके का एक माह तक सर्वे किया। तब यह जगह फाइनल हुई। होमवर्क के बाद दौरे को अंतिम रूप दिया

आम आदमी पार्टी ने यहां पहले खूब होमवर्क किया। संभावना तलाशी गई। इसके बाद दौरे को अंतिम रूप दिया गया। यहां पार्टी को अपने लिए अच्छी-खासी संभावना दिखाई दी। इसके बाद ही यहां का चयन किया गया। पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की ग्राउंड पर की गई मेहनत का परिणाम है कि इस जनसभा में अच्छी खासी भीड़ जुटी थी। समर्थक अपने अपने साधनों से यहां पहुंचे थे। समर्थकों ने बताया कि यह विधानसभा क्षेत्र खासा पिछड़ा हुआ है, उनकी यही सोच है कि यहां भी विकास होना चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकारी नौकरी में इन गांवों की भागीदारी भी पांच प्रतिशत से भी कम है। पंजाब के गांवों को बेस बना पाई थी मजबूती

पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने वहां के किसानों और ग्रामीण समाज को आधार बनाया था। यही प्रयोग हरियाणा में भी दोहराया जा रहा है। इसमें आम आदमी पार्टी को सफलता भी मिल रही है। असंध विधानसभा क्षेत्र की जनसभा की सफलता भी इसी फार्मूले का परिणाम है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.