रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम के नाम पर खानापूर्ति, कैसे हो भू-जल रिचार्ज
जागरण संवाददाता करनाल प्रदेश सरकार की ओर से भू-जल संरक्षण के लिए धान की सीधी बिजाई
जागरण संवाददाता, करनाल : प्रदेश सरकार की ओर से भू-जल संरक्षण के लिए धान की सीधी बिजाई के साथ कई प्रयास किए गए हैं। इनमें एक रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम भी है। सरकार के आदेश पर लगभग सभी सरकारी कार्यालयों में बरसाती जल संरक्षण के लिए ये सिस्टम स्थापित किए गए। आंकड़ों को देखा जाए तो करनाल का जलस्तर 18.77 मीटर नीचे चला गया है जबकि पूरे जिले का जलस्तर 22.67 मीटर खिसका है। शहर में बनाए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम सुचारू नहीं हैं। करनाल जिला डार्क जोन में शामिल है। मानसून में निकासी व्यवस्था पर गंभीर होने वाले अधिकारियों ने विभागों में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की तरफ ध्यान नहीं दिया। पहली बारिश में नालों में बहा लाखों लीटर पानी
जिले के सरकारी कार्यालय व सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए ज्यादातर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम जिले के सरकारी कार्यालय व सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए हैं। प्रशासन की ओर से जिले में 45 स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने के बाद अधिकारी इन्हें भूल गए। सफाई और देखरेख न होने के अभाव में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टमों में गंदगी जमा है। इस वजह से बारिश के दौरान लाखों लीटर पानी जमीन में जाने की बजाय नालों में बह जाता है। लोगों का आरोप है कि रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की देखरेख करना अफसर भूल गए। ऐसे में बारिश से मिलने वाला लाखों लीटर पानी जमीन में जाने की बजाय नालों में बह जाता है। इसके कारण नगर का जलस्तर सुधर नहीं पा रहा है। गंदगी से अटे जिले में वर्षा जल संचयन के साधन
निगम की ओर से बांसों गेट, सेक्टर-13 ग्रीन बेल्ट, हाउसिग बोर्ड कालोनी, माडल टाऊन, विक्रम मार्ग, राजकीय महिला वरिष्ठ माध्यामिक विद्यालय, सेक्टर-नौ, सेक्टर-छह, सहित अलग-अलग सरकारी विभागों में वर्षा जल संचयन प्रणाली के लिए बोर किया गया। लघु सचिवालय सहित सरकारी खंड शिक्षा कार्यालय कर्ण स्टेडियम में लगे रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम में गंदगी के कारण पाइप बंद पड़े हुए हैं। पानी धरा में जाने की बजाए आसपास जमा हो गया। सिस्टम के आसपास घास फूस व झाड़ियां उगी हुई हैं। क्या है रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम
रेन वाटर हार्वेस्टिग प्रणाली के तहत प्रकृति प्रदत्त जल वर्षा को खोदे गए गड्ढों में हार्वेस्टिग के माध्यम से एकत्र कर भू-जल रिचार्ज किया जाता है। इस प्रणाली से भवन का पूरा पानी एक स्थान पर लाकर पाइप के जरिेये नीचे उतारा जाता है। नीचे भवन के क्षेत्रफल के हिसाब से टैंक बनाया जाता है। उसमें बोरिग कराई जाती है, ताकि वर्षा का पानी टैंक व बोर के जरिए जमीन के अंदर जा सके। इससे जलस्तर में सुधार होता है। मिशन मोड में करें रेन वाटर हार्वेस्टिग की सफाई
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि मानसून सीजन शुरू हो चुका है। बरसाती पानी बचाना बहुत जरूरी है। जल संरक्षण और कैच द रेन यानि बरसाती पानी बचाने की मुहिम राष्ट्रीय हित का महत्वपूर्ण विषय है, इसे जन आंदोलन बनाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल शक्ति मिशन के तहत सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग संबंधी कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा करें। विभाग की गतिविधियों व उपलब्धियों को राष्ट्रीय जल मिशन पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करें। जल शक्ति मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना है, सभी अधिकारी इस मिशन के तहत किए जाने वाले कार्य गंभीरता से पूरा करवाएं। जहां नए रेन वाटर हार्वेस्टर की जरूरत है, वहां बनवाए जाएं।