दिन भर चला हाईवोल्टेज ड्रामा-सुबह से शाम तक किसानों को रोकने के लिए की तीन लेयर बेरिकेडिग, शाम को हटाई, दिन भर भटके लोग
जागरण संवाददाता करनाल दिल्ली कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए शुक्रवार को दिल्ली
जागरण संवाददाता, करनाल : दिल्ली कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए शुक्रवार को दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे स्थित कर्ण लेक पर जिला प्रशासन का हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। सुबह से शाम करीब सवा पांच बजे तक हाईवे को जाम करने में हर संभव बंदोबस्त के साथ कर्मचारी से लेकर अधिकारी भी जुटे रहे और पुख्ता प्रबंधों के साथ भारी पुलिस बल की तैनाती की गई तो वहीं तीन लेयर बेरिकेडिग भी की गई। डीसी निशांत यादव व एसपी गंगाराम पूनिया हर बंदोबस्त की निगरानी करते रहे। इस दौरान सुबह पंजाब से आए किसानों के साथ तनातनी भी हुई, लेकिन शाम करीब सवा पांच बजे हाईवे खोल दिया गया।
हालांकि कर्ण लेक के समीप नहर पर कड़े बंदोबस्त के चलते पैदल व्यक्ति का गुजरना भी बंद कर दिया, लेकिन दिन भर डीसी व एसपी सहित अन्य अधिकारियों के समक्ष दो पहिया वाहन चालक जान जोखिम में डालते रहे। कहीं हाईवे के डिवाइडर से वाहनों को कुदाया जाता रहा तो कहीं नहर के किनारे से वाहन निकाले गए, जिस दौरान हर समय बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रही। ---------------------
लोग बोले- यह हाईवोल्टेज ड्रामा क्यों
शाम को प्रशासन ने हाईवे जाम खोला तो लोग हैरान रह गए। मौके पर खड़े हरदीप, राजीव कुमार, जीत सिंह, राकेश आदि का कहना था कि जब किसानों को जाने ही देना था तो दिन भर अधिकारियों ने यह हाई वोल्टेज ड्रामा क्यों किया। लोग जान जोखिम में डालकर अपने-अपने ठिकाने पर जाने के लिए भटकते रहे। बच्चे, महिलाओं और यहां तक कि बीमार लोगों को भी नहीं जाने दिया गया लेकिन शाम को हाईवे खोल दिया। जब जाम खोलना ही था तो लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया गया। प्रशासन के बंदोबस्त न वीरवार को किसानों के आगे टिक सके और न ही शुक्रवार को, लेकिन आम लोगों पर अवश्य भारी पड़े हैं। ------------------------------
पुलिस ने चालकों से की जबरदस्ती, ट्रकों से किया हाईवे जाम
यमुनानगर क्षेत्र से रेत व बजरी आदि लेकर आने वाले दर्जनों ट्रक व डंपर चालकों के साथ पुलिस सुबह से ही हाईवे पर जाम लगवाने के लिए जबरदस्ती करती रही। कभी जाम हटाने के लिए चालकों को डंडे मारे जाते थे तो वीरवार व शुक्रवार को पुलिस जाम लगवाने के लिए ही चालकों पर भारी पड़ी। चालकों से ट्रक लेकर पुलिस ने कर्ण लेक के पास हाईवे पर लगा दिए, ताकि किसान आगे न बढ़ सकें। यहीं नहीं क्रेन से बड़े पत्थरों से भी बेरिकेड्स लगाए गए तो वहीं कांटेदार तारबंदी भी की गई। इसके बावजूद भी जिला व पुलिस प्रशासन की सांसे शाम तक फूली रहीं कि कहीं वीरवार की तरह किसान आज भी इन प्रबंधों को तोड़कर दिल्ली की ओर न निकल जाए। ---------------------
जच्चा-बच्चा को देखकर भी नहीं पसीजे पुलिसकर्मी
हाईवे पर पुलिस प्रशासन द्वारा लगाए गए जाम का खामियाजा जच्चा-बच्चा को भी भुगतना पड़ा। गांव उचाना वासी एक विवाहिता को करनाल में बच्चा पैदा हुआ, जहां चिकित्सक ने उसे शुक्रवार को छुट्टी दे दी। स्वजन उन्हें ऑटो में लेकर अस्पताल से निकले लेकिन हाईवे पर पहुंचने में ही करीब एक घंटा लग गया, जहां पर पुलिस ने ऑटो रूकवा दिया। इसके बाद उन्हें बच्चे को गोद में लेकर इाईवे पर खड़े किए गए ट्रकों को पार कर पैदल ही घर पहुंचना पड़ा। बेरिकेड्स लगाए जाने से उन्हें पैदल जाने में भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी और पुलिसकर्मी देखते रहे। --------------------------
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एक दिन में ही लग गया चार हजार का चूना : बलविद्र
ट्रक चालक गांव मूनक वासी बलविद्र ने बताया कि वह यमुनानगर क्षेत्र से ट्रक में बजरी लोड कर करनाल आ रहा था। इंद्री रोड बस अड्डे पर ही आरटीए व पुलिस की टीम नें रोक लिया। रिफ्लेक्टर लगाने का बहाना कर पुलिसकर्मी ट्रक में चढ़े और उसे लेकर बेरिकेडिग पर लगाए जाम में फंसा दिया। चाबी भी छीन ली। ट्रक आर्डर अनुसार न पहुंच पाने से जहां मालिक को दस हजार का नुकसान हुआ वहीं उसे भी करीब चार हजार रुपये का चूना लगा है।
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खुद ही ट्रक लेकर लगाया जाम : दिल्लू
अलीगढ़ वासी ट्रक चालक दिल्लू राम का कहना था कि वह यमुनानगर क्षेत्र से रेत का ट्रक भरकर वाया दिल्ली अलीगढ़ ले जा रहा था। बलड़ी बाइपास पर पुलिस ने उसे रोक लिया और उससे चाबी छीन ली, जिसके बाद पुलिसकर्मी ने ट्रक को हाईवे पर किसानों को रोकने के लिए किए गए जाम में फंसा दिया। वह पहले ही दो दिन से जाम का सामना कर रहे थे। ऐसे में उन्हें ही करीब आठ हजार रुपये का नुकसान हो चुका है। बच्चे व पत्नी को लेकर लुधियाना जाना बना चुनौती : आशू
मुज्जफरनगर वासी आशु बाइक पर पत्नी व बेटे को लेकर लुधियाना के लिए निकले थे, लेकिन वे प्रशासन द्वारा किए गए हाईवे जाम में ही फंस गए। ट्रकों के बीच करीब एक घंटा फंसे रहे आशु ने बताया कि उसे करनाल क्रॉस करने में ही अभी तक दो घंटे लग चुके, लेकिन अब कैसे पहुंच पाएंगे यह भी पता नहीं। उन्हें यहां खाने-पीने का भी सामान नहीं मिल पा रहा। उधर राहगीरों को भारी समस्या का सामना उस समय भी करना पड़ा जब प्रशासन ने आसपास के लिक रोड भी जाम कर दिए।