मजबूर यात्रियों की जेब को झटका दे रहा नया बस स्टैंड
नया बस स्टैंड। यहां सवारियों की जेब पर जोर का झटका दिया जा रहा है। खाने के बाद बिल हाथ में आते ही यात्रियों के होश उड़ जाते हैं। साधारण यात्रियों से बड़े-बड़े होटलों की तर्ज पर बिल वसूल लिया जाता है।
जागरण संवाददाता, करनाल : नया बस स्टैंड। यहां सवारियों की जेब पर जोर का झटका दिया जा रहा है। खाने के बाद बिल हाथ में आते ही यात्रियों के होश उड़ जाते हैं। साधारण यात्रियों से बड़े-बड़े होटलों की तर्ज पर बिल वसूल लिया जाता है। पहले आवाज लगाई जाती है कि 30 रुपये में परांठा। खाने के बाद उससे तीन गुना ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं। बस निकल जाने की चिता में काफी यात्री बहस में नहीं पड़ते, लेकिन कुछ विरोध दर्ज करवाते हैं तो ठेकेदार के कर्मचारी झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। जिस परांठे का रेट 30 रुपये बताया जाता है, उसके साथ 100 ग्राम के करीब दही और इतनी ही दाल दी जाती है। उसके भी 30-30 रुपये जोड़ दिए जाते हैं। इस हिसाब से 300 रुपये प्रति किलो के रेट पर दही और इतने ही रेट पर दाल बेची जा रही है। हर चीज के रेट दोगुने से ज्यादा
मुंगफली 200 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से ग्राहकों को बेची जा रही है। 50 ग्राम पोपकार्न का पैकेट 20 रुपये मिलता है। वहीं छोटे कप में स्वीट कोर्न भी 50 रुपये में दिया जाता है। पांच रुपये का मरुंडा 20 रुपये में बेचा जा रहा है। इसी तरह से गजक व रेवड़ी बाजार से दोगुने रेट पर बेची जा रही है। प्रतिबंधित थर्माकोल के गिलास में दे रहे चाय व कॉफी
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक थर्माकोल के गिलास में चाय व कॉफी यात्रियों को दी जा रही है। इसके साथ ही बिना ढके चटनी रख दी जाती है। ब्रेड पकौड़ा लेने के बाद यात्री खुले में रखी चटनी लेने को मजबूर होते हैं। यात्रियों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है।
हमारे पास नहीं है सरकारी रेट लिस्ट
बस स्टैंड पर कैंटीन को संभाल रहे सुनील से जब रेट लिस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास वह रेट लिस्ट नहीं है, जो टेंडर के समय दी गई होगी। वह बाजार भाव के अनुसार ही खाद्य सामग्री का रेट तय करते हैं।
शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई : रवींद्र पाठक
जीएम रोडवेज रवींद्र पाठक ने कहा कि उनके पास ओवर रेट चार्ज करने की कोई शिकायत नहीं आई है। बावजूद इसके वह इसकी चेकिग करवाएंगे, यदि रेट लिस्ट से ज्यादा चार्ज किया जा रहा है तो ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाएगा। यात्रियों की कहानी उन्हीं की जुबानी फोटो---07 नंबर है।
मजबूरी का उठा रहे हैं फायदा
हिमाचल के कांगड़ा शहर के निवासी राकेश शर्मा ने थर्माकोल के गिलास में चाय पीते हुए कहा कि वह अगले गंतव्य पर जाने को तैयार हैं और उन जैसे यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाया जाता है। जो कप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, मजबूरी में उसी में चाय पीनी पड़ रही है। इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए। फोटो---08 नंबर है।
स्वास्थ्य से भी खिलवाड़
ब्रेड पकौड़े की चटनी देखते हुए महेंद्रगढ़ निवासी यात्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि रेट अपनी मर्जी के वसूल किए जा रहे हैं, लेकिन खाद्य सामग्री के रखरखाव का ध्यान रखना जरूरी है। खुले में सामान बिक रहा है। इससे बीमारी फैलने का भी डर है। फोटो---09 नंबर है।
जल्दी में हैं, क्या करें
रोहतक जिले के निवासी जगबीर सिंह ने 30 रुपये का परांठा खाने के बाद 90 रुपये अदा किए तो उन्हें भी झटका लगा। जल्दी में किसी दूसरी जगह पहुंचना है, विरोध नहीं किया लेकिन यह गलत है। एक तरह से यह यात्रियों को सरेआम लूटा जा रहा है। फोटो---10 नंबर है।
रेट समझ से परे
गुड़गांव जा रही यात्री अनीता यादव ने 20 रुपये का मरुंडा खरीदने के बाद कहा कि यह रेट तो हमारी भी समझ से परे हैं। इससे अच्छा मरंडा पांच रुपये में मिलता है, लेकिन यहां तो हद हो गई। शिकायत पर कर्मचारी पर सुनने को तैयार नहीं हैं।