बढ़ रही ठंड, जम सकता है पाला
जागरण संवाददाता करनाल बढ़ रही ठंड पर मौसम विभाग ने ओरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। उत्त
जागरण संवाददाता, करनाल: बढ़ रही ठंड पर मौसम विभाग ने ओरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और बढ़ेगी। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्र में व्यापक रूप से देखने को मिल सकता है।
बुधवार को भी दिन के तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली है, जो 12.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय नमी की मात्रा 97 फीसद दर्ज की गई है। हवा 2.5 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में सुबह के समय हल्की धुंध छा सकती है। इसके बाद धूप निकल सकती है। 15 से 17 जनवरी तक धुंध ज्यादा गहरा सकती है। जनवरी में हर साल 3.0 से नीचे गया है तापमान
मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी माह में हर साल न्यूनतम तापमान गिरावट के साथ 3.0 डिग्री से नीचे गया है। लेकिन इस समय मौसम की जो परिस्थितियां बनी हुई हैं उससे संभावना जताई जा रही है कि सर्दी कई साल का रिकार्ड तोड़ सकती है। 20 जनवरी तक न्यूनतम तापमान अब तक के सबसे निचले स्तर पर जा सकता है। 10 सालों में जनवरी माह में न्यूनतम तापमान कितना नीचे आया
वर्ष न्यूनतम तापमान
2010 2.8 डिग्री सेल्सियस
2011 2.0
2012 1.8
2013 1.8
2014 2.0
2015 2.0
2016 2.2
2017 1.6
2018 2.2
2019 2.4
2020 6.0 नोट : यह आंकड़े मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए हैं। ऐसी ही ठंड में दो दिन में जमेगा पाला
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मौसम विशेषज्ञ डा. डीएस बुंदेला के मुताबिक इन दिनों ठंड चरम पर होती है। जब भी न्यूनतम तापमान 4.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाता है तो पाला जमने की संभावना बढ़ जाती है। इस समय रात का तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। इसमें काफी गिरावट देखने को मिलेगी। पाला जमने की प्रबल संभावना बनी हुई है। ठंड का है बहुत अधिक फायदा
कृषि एवं कल्याण विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी डा. एसपी तोमर ने बताया कि यह ठंड बड़े काम की है। इस समय मौसम गेहूं की फसल के अनुकूल बना हुआ है। जितनी अधिक ठंड गिरेगी उतना ही फायदा फसल को मिलेगा, लेकिन यह ठंड लंबे समय तक बरकरार रहनी चाहिए। सरसों की फसल भी ठंड में अच्छे से लहला रही हैं। आलू व टमाटर की फसल को पाला गिरने पर नुकसान झेलना पड़ सकता है।