ऋषि परंपरा के अनुसार शासन करें सरकारें : स्वामी ज्ञानानंद
स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि महर्षि व्यास की तस्वीर संसद और सभी राज्यों की विधानसभा में लगनी चाहिए। गुरु पूर्णिमा को संसद और विधानसभाओं में महर्षि व्यास की पूजा होनी चाहिए। वह हमारी संस्कृति के आधार थे।
जागरण संवाददाता, करनाल : स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि महर्षि व्यास की तस्वीर संसद और सभी राज्यों की विधानसभा में लगनी चाहिए। गुरु पूर्णिमा को संसद और विधानसभाओं में महर्षि व्यास की पूजा होनी चाहिए। वह हमारी संस्कृति के आधार थे। उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि यह दिन जल्द ही आएगा। देश में सरकार धर्म और संस्कृति के अनुकूल कदम उठा रही हैं। जिस तरह से योग की गूंज यूएनओ में गूंजने लगी है, उसी प्रकार श्रीमद्भागवत गीता की गूंज देश और विदेश में गूंज रही हैं। मॉरीशस के बाद अब लंदन में भी गीता जयंती महोत्सव अगले महीने 9 से 11 अगस्त तक मनाया जाएगा। इसी प्रकार 5156वां गीता जयंती महोत्सव 8 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित लाल किला मैदान में मनाया जाएगा। वह मंगलवार को श्री कृष्ण कृपा सेवा धाम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव में बोल रहे थे।
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अध्यात्म महर्षि व्यास के शुरू हुआ
महर्षि वेदव्यास से ही संसार में अध्यात्म की शुरुआत होना चाहिए। महर्षि वेद व्यास ने ही संसार को वेद परंपरा दी। आज देश में वेद व्यास से ही ऋषि परंपरा की शुरुआत हुई। महर्षि व्यास को गुरु पूर्णिमा पर विनयांजलि देनी चाहिए। स्वामी ज्ञानानंद जी ने कहा कि बच्चों को भी इसका ज्ञान होना चाहिए। आज बच्चे परंपरा से दूर जा रहे हैं। ऐसे में नई पीढ़ी को अध्यात्म की जानकारी होना चाहिए।
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ये रहे मौजूद
गुरु पूजन के तौर पर स्वामी ज्ञानानंद की चरण वंदना करने के लिए विधायक हरविदर कल्याण, मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेंद्र सिंह, भाजपा के जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद, महामंत्री योगेंद्र राणा, तिलक राज अरोड़ा, मेयर रेनूबाला गुप्ता, पूर्व मंत्री जयप्रकाश गुप्ता, समाजसेवी बृजगुप्ता, एसपी चौहान राकेश नागपाल आदि मौजूद रहे।