Move to Jagran APP

वाट्सएप ग्रुप में शेयर होती फ्लाइंग की लोकेशन, पकड़ में नहीं आते बेटिकट यात्री

हरियाणा रोडवेज की बसों में बिना टिकट यात्रा करने वाले युवकों को पकड़ने में चेकिंग टीम का पसीना छूट रहा है। विभिन्न रूटों पर जाने वाले युवकों ने वाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:30 AM (IST)
वाट्सएप ग्रुप में शेयर होती फ्लाइंग की लोकेशन, पकड़ में नहीं आते बेटिकट यात्री
वाट्सएप ग्रुप में शेयर होती फ्लाइंग की लोकेशन, पकड़ में नहीं आते बेटिकट यात्री

जागरण संवाददाता, करनाल : हरियाणा रोडवेज की बसों में बिना टिकट यात्रा करने वाले युवकों को पकड़ने में चेकिंग टीम का पसीना छूट रहा है। विभिन्न रूटों पर जाने वाले युवकों ने वाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है। ग्रुप के किसी भी सदस्य को रोडवेज चेकिग टीम की सूचना मिलती है, तो वह ग्रुप पर अपडेट कर सभी को सावधान कर देता है। बिना टिकट यात्रा करने से रोडवेज को राजस्व का नुकसान होता है। चेकिग टीम इंचार्ज ने टीमों की संख्या बढ़ाने की मांग की है, ताकि बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों पर अंकुश लगाया जा सके। रोडवेज डिपो में तीन चेकिग टीमें हैं, जो हाईवे पर चेकिग करती हैं। इससे ग्रामीण रूट खाली पड़े रहते हैं। एक साल में करनाल डिपो की फ्लाइंग टीम पांच वाट्सएप ग्रुप को पकड़ कर प्रत्येक सदस्य पर 20 से 25 हजार रुपये जुर्माना लगा चुकी है। एक वाट्सएप ग्रुप में दो सौ से 250 सदस्य जुड़े होते हैं। कम स्टाफ होने का फायदा लोकल रूटों पर बिना टिकट सफर करने वाले यात्री उठाते हैं। इसमें ज्यादातर कॉलेज और विभिन्न शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले युवा हैं, जो रोडवेज बसों का पास ही नहीं बनवाते। ये पकड़े जाने से बचने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाते हैं, जो एक दूसरे को जांच टीम की लोकेशन बताते रहते हैं। 250 रूट की चेकिग की जिम्मेदारी महज छह फ्लाइंग टीमों पर

loksabha election banner

करनाल डिपो में छह फ्लाइंग टीमें हैं। डिपो की रोजाना 164 बसों का लगभग 250 रूटों पर आवागमन होता है, जिस कारण डिपो को काफी परेशानी होती है। इन रूटों की चेकिग की जिम्मेदारी मुट्ठीभर अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ में है। हालांकि चेकिग टीम बढ़ाने की मांग की गई है।

फ्री यात्रा रहते हैं युवा

कुछ शरारती तत्व वाट्सएप ग्रुप के जरिये जांच टीम की लोकेशन का पता लगा लेते हैं। इसमें दैनिक यात्री अधिक शामिल होते हैं। जिस भी रूट पर टीम रहती है तो उस रूट के यात्री वाट्सएप ग्रुप के जरिये टीम की लोकेशन अपडेट कर देते हैं। बिना टिकट वाले यात्री अगले स्टॉपेज पर टिकट ले लेते हैं और पकड़ में आने से बच जाते हैं। टिकट देने से मना कर कुछ यात्री बस से पिछले ही स्टॉपेज पर रुक जाते हैं। अगर फ्लाइंग खड़ी है, तो सूचना दे देते हैं। यदि नहीं है तो लिखा जाता है कि सभी स्टॉप क्लियर हैं। कोई चिता की बात नहीं।

डिपो की प्रतिदिन की आमदनी लगभग 16 लाख रुपये

करनाल डिपो की प्रतिदिन आमदनी 16 लाख रुपये राजस्व के रूप में जमा करता है। अगर चेकिग टीमों की संख्या बढ़ाई जाए ओर सख्ती बरती जाए तो रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। हालांकि इस मामले को लेकर स्टाफ की कमी का हवाला दे दिया जाता है।

सभी इंस्पेक्टरों को हिदायत दी हुई है कि चेकिग के प्रति सख्ती बरतें। वाट्सएप ग्रुप से मैसेज भेजने की जानकारी मिलती है, तो उस पर एक्शन लिया जाएगा। संदेह पर भी चेकिग की जाती है। इस प्रकार की घटना के बारे में सूचना जरूर मिली है। अपने स्तर पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। बेटिकट यात्रियों से जुर्माना वसूला जाएगा।

अजय गर्ग, महाप्रबंधक डिपो, रोडवेज डिपो, करनाल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.