काश..पहले जाग जाते अधिकारी, मौत की नींद से बच जाते मजदूर
सेवा सिंह करनाल काश अधिकारी पहले सुध ले लेते तो पटाखा फैक्ट्री में पुख्ता इंतजाम होते अ
सेवा सिंह, करनाल:
काश, अधिकारी पहले सुध ले लेते तो पटाखा फैक्ट्री में पुख्ता इंतजाम होते और इसकी बदौलत शायद यहां काम करने वाले प्रवासी मजदूरों की जान भी बच जाती। अब हादसा हुआ तो हर विभाग जांच के लिए खड़ा हो गया है, लेकिन खुद इन विभागों के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। शायद इतनी तत्परता पहले दिखाई होती तो ऐसी नौबत ही नहीं आती।
प्रशासनिक लापरवाही इस कदर है कि करीब नौ माह पहले कुंजपुरा के समीप पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे से भी सबक नहीं लिया गा। तब भी एक मजदूर की जान चली गई थी। इसके बाद शुरू हुआ जांच अभियान भी औपचारिकता तक सिमट गया। यही कारण है कि इन फैक्ट्रियों से जुड़े लोग भी कह रहे हैं कि दो दिन तो शोर मचता है। फिर सब सामान्य हो जाना है। न पीड़ितों को न्याय मिलता है और न फैक्ट्रियों में नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाता है। किसी ने जांच की नहीं उठाई जहमत
पटाखा फैक्ट्री जितनी संवेदनशील मानी जाती है, प्रशासन ने उतनी ही संवेदनहीनता दिखाई। यहां समय रहते जांच कर नियमों की कड़ाई से पालना तो दूर, किसी ने मौका मुआयने की भी जहमत नहीं उठाई। कई अधिकारी तो हादसे के बाद रास्ता पूछ-पूछ कर फैक्ट्री पहुंचे। जांच के लिए एक के बाद एक पहुंची टीमें
जांच के लिए बुधवार को कई टीम पहुंचीं। सुबह डीएसपी घरौंडा जयसिंह, एसएचओ मधुबन संजीव मलिक पहुंचे। श्रम विभाग के डिप्टी डायरेक्टर व जिला अग्निश्मन अधिकारी नरेंद्र सिंह ने भी टीम के साथ जांच की। दोपहर को पानीपत से इंडस्ट्री सेफ्टी एंड हेल्थ डिप्टी डायरेक्टर जितेंद्र खर्ब भी पहुंचे। फैक्ट्री पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए तो जांच टीम के बाहर निकलते ही मुख्य गेट पर ताला लगा दिया जाता। अगली टीम फिर ताला खुलवाकर जांच करती। यह सिलसिला शाम तक चलता रहा। बरती गई लापरवाही: जितेंद्र
पानीपत से जांच के लिए पहुंचे इंडस्ट्री सेफ्टी एंड हेल्थ डिप्टी डायरेक्टर जितेंद्र खर्ब ने पत्रकारों से बातचीत में माना कि यहां घोर लापरवाही बरती गई है। इसीलिए इतना बड़ा हादसा हुआ, जिसमें मजदूरों की जान चली गई। यहां फैक्ट्री मानक के तहत बेहद जरूरी स्टेंडर्ड ऑपरेटिग प्रोसिजर ही फॉलो नहीं किया जा रहा। सामान्य उपकरण भी नहीं मिले। एनओसी के लिए आवेदन तक नहीं : नरेंद्र
जिला अग्निश्मन अधिकारी नरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने जांच कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी है। जांच में पाया गया कि सुरक्षा उपकरण भी समुचित नहीं थे। फैक्ट्री चलाने के लिए विभाग से एनओसी तो दूर ऑनलाइन आवेदन तक नहीं किया गया। अब फैक्ट्री संचालक को नोटिस दिया जाएगा। जिला उपायुक्त को भी अवगत करा दिया है। तमाम पहलुओं से जांच : डीएसपी
डीएसपी घरौंडा जयसिंह ने फैक्ट्री में जांच करने के बाद बताया कि पूरे मामले की जान की जा रही है। फैक्ट्री वैध है या अवैध और यहां क्या लापरवाही बरती गई, यह जांच की जा रही है। पुलिस अपने स्तर पर भी जांच कर रही है।